કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (65) સૂરહ: સૉદ
قُلْ اِنَّمَاۤ اَنَا مُنْذِرٌ ۖۗ— وَّمَا مِنْ اِلٰهٍ اِلَّا اللّٰهُ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ ۟ۚ
(ऐ मुहम्मद!) आप अपनी जाति के काफ़िरों से कह दें : मैं तो केवल तुम्हें अल्लाह की यातना से डराने वाला हूँ कि कहीं वह तुम्हारे कुफ़्र और रसूलों को झुठलाने के कारण तुम्हें उससे दंडित न कर दे। और अल्लाह सर्वशक्तिमान के सिवा कोई ऐसा पूज्य नहीं, जो इबादत के योग्य हो। क्योंकि वह अपनी महानता, गुणों और नामों में अकेला है। तथा वह परम प्रभुत्वशाली है, जिसने हर चीज़ को पराजित कर दिया। अतः हर चीज़ उसके अधीन है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• القياس والاجتهاد مع وجود النص الواضح مسلك باطل.
• क़ुरआन या हदीस के स्पष्ट पाठ के होते हुए क़ियास या इज्तिहाद करना एक अमान्य (गलत) तरीक़ा है।

• كفر إبليس كفر عناد وتكبر.
• इबलीस का कुफ़्र, हठ और अहंकार का कुफ़्र था।

• من أخلصهم الله لعبادته من الخلق لا سبيل للشيطان عليهم.
• अल्लाह ने अपने बंदों में से जिन्हें अपनी इबादत के लिए चुन लिया है, उनके विरुद्ध शैतान के पास कोई उपाय नहीं है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (65) સૂરહ: સૉદ
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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