अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (29) सूरा: सूरा ताहा
وَٱجۡعَل لِّي وَزِيرٗا مِّنۡ أَهۡلِي
واجعل لي معينًا من أهلي يعينني في أموري.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• وجوب حسن الاستماع في الأمور المهمة، وأهمها الوحي المنزل من عند الله.

• اشتمل أول الوحي إلى موسى على أصلين في العقيدة وهما: الإقرار بتوحيد الله، والإيمان بالساعة (القيامة)، وعلى أهم فريضة بعد الإيمان وهي الصلاة.

• التعاون بين الدعاة ضروري لإنجاح المقصود؛ فقد جعل الله لموسى أخاه هارون نبيَّا ليعاونه في أداء الرسالة.

• أهمية امتلاك الداعية لمهارة الإفهام للمدعوِّين.

 
आयत: (29) सूरा: सूरा ताहा
सूरों की सूची पृष्ठ संख्या
 
अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

बंद करें