अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (57) सूरा: सूरा अल्-अम्बिया
وَتَٱللَّهِ لَأَكِيدَنَّ أَصۡنَٰمَكُم بَعۡدَ أَن تُوَلُّواْ مُدۡبِرِينَ
وقال إبراهيم بحيث لا يسمعه قومه: والله لأدبرنّ لأصنامكم ما تكرهون بعد أن تذهبوا عنها إلى عيدكم.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• نَفْع الإقرار بالذنب مشروط بمصاحبة التوبة قبل فوات أوانها.

• إثبات العدل لله، ونفي الظلم عنه.

• أهمية قوة الحجة في الدعوة إلى الله.

• ضرر التقليد الأعمى.

• التدرج في تغيير المنكر، والبدء بالأسهل فالأسهل، فقد بدأ إبراهيم بتغيير منكر قومه بالقول والصدع بالحجة، ثم انتقل إلى التغيير بالفعل.

 
आयत: (57) सूरा: सूरा अल्-अम्बिया
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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