अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (69) सूरा: सूरा अल्-अम्बिया
قُلۡنَا يَٰنَارُ كُونِي بَرۡدٗا وَسَلَٰمًا عَلَىٰٓ إِبۡرَٰهِيمَ
فأوقدوا نارًا ورموه فيها، فقلنا: يا نار، كوني بردًا وسلامًا على إبراهيم، فكانت كذلك، فلم يُصَب بأذى.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• جواز استخدام الحيلة لإظهار الحق وإبطال الباطل.

• تعلّق أهل الباطل بحجج يحسبونها لهم، وهي عليهم.

• التعنيف في القول وسيلة من وسائل التغيير للمنكر إن لم يترتّب عليه ضرر أكبر.

• اللجوء لاستخدام القوة برهان على العجز عن المواجهة بالحجة.

• نَصْر الله لعباده المؤمنين، وإنقاذه لهم من المحن من حيث لا يحتسبون.

 
आयत: (69) सूरा: सूरा अल्-अम्बिया
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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