अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (15) सूरा: सूरा अल्-ह़ज्ज
مَن كَانَ يَظُنُّ أَن لَّن يَنصُرَهُ ٱللَّهُ فِي ٱلدُّنۡيَا وَٱلۡأٓخِرَةِ فَلۡيَمۡدُدۡ بِسَبَبٍ إِلَى ٱلسَّمَآءِ ثُمَّ لۡيَقۡطَعۡ فَلۡيَنظُرۡ هَلۡ يُذۡهِبَنَّ كَيۡدُهُۥ مَا يَغِيظُ
من كان يظن أن الله لا ينصر نبيه صلى الله عليه وسلم في الدنيا والآخرة فليمدد بحبل إلى سقف بيته، ثم ليختنق به بقطع نفسه عن الأرض، ثم لينظر هل يذهبنّ ذلك ما يجده في نفسه من الغيظ، فالله ناصر نبيَّه، شاء المعاند أم أبى.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• أسباب الهداية إما علم يوصل به إلى الحق، أو هادٍ يدلهم إليه، أو كتاب يوثق به يهديهم إليه.

• الكبر خُلُق يمنع من التوفيق للحق.

• من عدل الله أنه لا يعاقب إلا على ذنب.

• الله ناصرٌ نبيَّه ودينه ولو كره الكافرون.

 
आयत: (15) सूरा: सूरा अल्-ह़ज्ज
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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