अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (102) सूरा: सूरा अल्-मुमिनून
فَمَن ثَقُلَتۡ مَوَٰزِينُهُۥ فَأُوْلَٰٓئِكَ هُمُ ٱلۡمُفۡلِحُونَ
فمن ثقلت موازينه برجحان حسناته على سيئاته فأولئك هم المفلحون بما ينالونه من مطلوبهم، وما يجنّبون من مرهوبهم.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• الاستدلال باستقرار نظام الكون على وحدانية الله.

• إحاطة علم الله بكل شيء.

• معاملة المسيء بالإحسان أدب إسلامي رفيع له تأثيره البالغ في الخصم.

• ضرورة الاستعاذة بالله من وساوس الشيطان وإغراءاته.

 
आयत: (102) सूरा: सूरा अल्-मुमिनून
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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