अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (114) सूरा: सूरा अल्-मुमिनून
قَٰلَ إِن لَّبِثۡتُمۡ إِلَّا قَلِيلٗاۖ لَّوۡ أَنَّكُمۡ كُنتُمۡ تَعۡلَمُونَ
قال: ما مكثتم في الدنيا إلا زمنًا قليلًا يسهل الصبر فيه على الطاعة لو أنكم كنتم تعلمون مقدار مكثكم.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• الكافر حقير مهان عند الله.

• الاستهزاء بالصالحين ذنب عظيم يستحق صاحبه العذاب.

• تضييع العمر لازم من لوازم الكفر.

• الثناء على الله مظهر من مظاهر الأدب في الدعاء.

• لما افتتح الله سبحانه السورة بذكر صفات فلاح المؤمنين ناسب أن تختم السورة بذكر خسارة الكافرين وعدم فلاحهم.

 
आयत: (114) सूरा: सूरा अल्-मुमिनून
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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