अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (78) सूरा: सूरा अल्-मुमिनून
وَهُوَ ٱلَّذِيٓ أَنشَأَ لَكُمُ ٱلسَّمۡعَ وَٱلۡأَبۡصَٰرَ وَٱلۡأَفۡـِٔدَةَۚ قَلِيلٗا مَّا تَشۡكُرُونَ
والله سبحانه هو الذي خلق لكم -أيها المكذبون بالبعث - السمع لتسمعوا به، والأبصار لتبصروا بها، والقلوب لتفقهوا بها، ومع ذلك لا تشكرونه على هذه النعم إلا قليلًا.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• عدم اعتبار الكفار بالنعم أو النقم التي تقع عليهم دليل على فساد فطرهم.

• كفران النعم صفة من صفات الكفار.

• التمسك بالتقليد الأعمى يمنع من الوصول للحق.

• الإقرار بالربوبية ما لم يصحبه إقرار بالألوهية لا ينجي صاحبه.

 
आयत: (78) सूरा: सूरा अल्-मुमिनून
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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