अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (13) सूरा: सूरा अन्-नूर
لَّوۡلَا جَآءُو عَلَيۡهِ بِأَرۡبَعَةِ شُهَدَآءَۚ فَإِذۡ لَمۡ يَأۡتُواْ بِٱلشُّهَدَآءِ فَأُوْلَٰٓئِكَ عِندَ ٱللَّهِ هُمُ ٱلۡكَٰذِبُونَ
هلَّا أتى المفترون على أم المؤمنين عائشة رضي الله عنها على فريتهم العظيمة بأربعة شهود يشهدون على صحة ما نسبوا إليها، فإن لم يأتوا بأربعة شهود على ذلك - ولن يأتوا بهم أبدًا - فهُم كاذبون في حكم الله.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• تركيز المنافقين على هدم مراكز الثقة في المجتمع المسلم بإشاعة الاتهامات الباطلة.

• المنافقون قد يستدرجون بعض المؤمنين لمشاركتهم في أعمالهم.

• تكريم أم المؤمنين عائشة رضي الله عنها بتبرئتها من فوق سبع سماوات.

• ضرورة التثبت تجاه الشائعات.

 
आयत: (13) सूरा: सूरा अन्-नूर
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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