अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (10) सूरा: सूरा अस्-सज्दा
وَقَالُوٓاْ أَءِذَا ضَلَلۡنَا فِي ٱلۡأَرۡضِ أَءِنَّا لَفِي خَلۡقٖ جَدِيدِۭۚ بَلۡ هُم بِلِقَآءِ رَبِّهِمۡ كَٰفِرُونَ
وقال المشركون المكذبون بالبعث: إذا متنا وغبنا في الأرض، وصارت أجسامنا ترابًا، فهل نُبْعث أحياء من جديد؟! لا يعقل ذلك، بل هم في واقع أمرهم كافرون بالبعث لا يؤمنون به.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• الحكمة من بعثة الرسل أن يهدوا أقوامهم إلى الصراط المستقيم.

• ثبوت صفة الاستواء لله من غير تشبيه ولا تمثيل.

• استبعاد المشركين للبعث مع وضوح الأدلة عليه.

 
आयत: (10) सूरा: सूरा अस्-सज्दा
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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