अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (18) सूरा: सूरा यासीन
قَالُوٓاْ إِنَّا تَطَيَّرۡنَا بِكُمۡۖ لَئِن لَّمۡ تَنتَهُواْ لَنَرۡجُمَنَّكُمۡ وَلَيَمَسَّنَّكُم مِّنَّا عَذَابٌ أَلِيمٞ
قال أهل القرية للرسل: إنا تشاءمنا بكم، وإن لم تنتهوا عن دعوتنا إلى التوحيد لنعاقبنّكم بالرمي بالحجارة حتى الموت، ولينالنَّكم منا عذاب موجع.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• أهمية القصص في الدعوة إلى الله.

• الطيرة والتشاؤم من أعمال الكفر.

• النصح لأهل الحق واجب .

• حب الخير للناس صفة من صفات أهل الإيمان.

 
आयत: (18) सूरा: सूरा यासीन
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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