अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (52) सूरा: सूरा अज़्-ज़ुमर
أَوَلَمۡ يَعۡلَمُوٓاْ أَنَّ ٱللَّهَ يَبۡسُطُ ٱلرِّزۡقَ لِمَن يَشَآءُ وَيَقۡدِرُۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَأٓيَٰتٖ لِّقَوۡمٖ يُؤۡمِنُونَ
أقال هؤلاء المشركون ما قالوا، ولم يعلموا أن الله يوسع الرزق على من يشاء ابتلاء له: أيشكر أم يكفر؟! ويضيّقه على من يشاء اختبارًا له: أيصبر أم يتسخط على قدر الله؟! إن في ذلك المذكور من توسيع الرزق وتضييقه لدلالات على تدبير الله لقوم يؤمنون؛ لأنهم هم الذين ينتفعون بالدلالات، وأما الكفار فهم يمرون عليها وهم عنها معرضون.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• النعمة على الكافر استدراج.

• سعة رحمة الله بخلقه.

• الندم النافع هو ما كان في الدنيا، وتبعته توبة نصوح.

 
आयत: (52) सूरा: सूरा अज़्-ज़ुमर
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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