अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम * - अनुवादों की सूची


आयत: (23) सूरा: सूरा अल्-ह़दीद
لِّكَيۡلَا تَأۡسَوۡاْ عَلَىٰ مَا فَاتَكُمۡ وَلَا تَفۡرَحُواْ بِمَآ ءَاتَىٰكُمۡۗ وَٱللَّهُ لَا يُحِبُّ كُلَّ مُخۡتَالٖ فَخُورٍ
وذلك لكي لا تحزنوا - أيها الناس - على ما فاتكم، ولكي لا تفرحوا بما أعطاكم من النعم فرح بَطَر، إن الله لا يحبّ كل متكبر فخور على الناس بما أعطاه الله.
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• الزهد في الدنيا وما فيها من شهوات، والترغيب في الآخرة وما فيها من نعيم دائم يُعينان على سلوك الصراط المستقيم.

• وجوب الإيمان بالقدر.

• من فوائد الإيمان بالقدر عدم الحزن على ما فات من حظوظ الدنيا.

• البخل والأمر به خصلتان ذميمتان لا يتصف بهما المؤمن.

 
आयत: (23) सूरा: सूरा अल्-ह़दीद
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अरबी भाषा - अल-मुख़तर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम - अनुवादों की सूची

अल-मुख़तसर फ़ी तफ़सीर अल-क़ुरआन अल-करीम। अरबी भाषा में। मरकज़ तफ़सीर लिद-दिरासात अल-इस्लामिय्यह की ओर से निर्गत।

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