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अरबी भाषा - अल-तफ़सीर अल-मुयस्सर * - अनुवादों की सूची


आयत: (25) सूरा: आले इम्रान
فَكَيۡفَ إِذَا جَمَعۡنَٰهُمۡ لِيَوۡمٖ لَّا رَيۡبَ فِيهِ وَوُفِّيَتۡ كُلُّ نَفۡسٖ مَّا كَسَبَتۡ وَهُمۡ لَا يُظۡلَمُونَ
فكيف يكون حالهم إذا جمعهم الله ليحاسَبوا في يوم لا شك في وقوعه -وهو يوم القيامة-، وأخذ كل واحد جزاءَ ما اكتسب، وهم لا يظلمون شيئا؟
अरबी तफ़सीरें:
 
आयत: (25) सूरा: आले इम्रान
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अरबी भाषा - अल-तफ़सीर अल-मुयस्सर - अनुवादों की सूची

शाह फ़ह्द मुसहफ़ मुद्रण कॉम्प्लेक्स, मदीना मुनव्वरा से प्रकाशित।

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