अरबी भाषा - अत-तफ़सीर अल-मुयस्सर * - अनुवादों की सूची


आयत: (27) सूरा: सूरा नूह़
إِنَّكَ إِن تَذَرۡهُمۡ يُضِلُّواْ عِبَادَكَ وَلَا يَلِدُوٓاْ إِلَّا فَاجِرٗا كَفَّارٗا
وقال نوح -عليه السلام- بعد يأسه من قومه: ربِّ لا تترك من الكافرين بك أحدًا حيًّا على الأرض يدور ويتحرك. إنك إن تتركهم دون إهلاك يُضلوا عبادك الذين قد آمنوا بك عن طريق الحق، ولا يأت من أصلابهم وأرحامهم إلا مائل عن الحق شديد الكفر بك والعصيان لك. ربِّ اغفر لي ولوالديَّ ولمن دخل بيتي مؤمنًا، وللمؤمنين والمؤمنات بك، ولا تزد الكافرين إلا هلاكًا وخسرانًا في الدنيا والآخرة.
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आयत: (27) सूरा: सूरा नूह़
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अरबी भाषा - अत-तफ़सीर अल-मुयस्सर - अनुवादों की सूची

अत-तफ़सीर अल-मुयस्सर, अरबी भाषा में - किंग फ़ह्द क़ुरआन मुद्रण कॉम्पलेक्स मदीना मुनव्वरा से निर्गत।

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