क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - अज़रबैजानी अनुवाद - अली खान मोसाइफ़ * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (105) सूरा: सूरा हूद
يَوۡمَ يَأۡتِ لَا تَكَلَّمُ نَفۡسٌ إِلَّا بِإِذۡنِهِۦۚ فَمِنۡهُمۡ شَقِيّٞ وَسَعِيدٞ
Qiyamət gəldiyi gün Allahın izni olmadan heç kəs danışa bilməz. (O gün) onlardan kimisi bədbəxt (Cəhənnəmlik), kimisi də xoşbəxt (Cənnətlik) olacaqdır.
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (105) सूरा: सूरा हूद
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क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - अज़रबैजानी अनुवाद - अली खान मोसाइफ़ - अनुवादों की सूची

पवित्र क़ुरआन के अर्थों का अज़रबैजानी अनुवाद, अनुवादक : अली खान मोसाइफ। संशोधन का काम रुव्वाद अनुवाद केंद्र की निगरानी में संपन्न हुआ। मूल अनुवाद सुझाव प्राप्त करने तथा मूल्यांकन एवं निरंतर उन्नयन हेतु उपलब्ध है।

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