क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - अंग्रेज़ी अनुवाद - सहीह इंटरनेशनल * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (79) सूरा: सूरा आले इम्रान
مَا كَانَ لِبَشَرٍ أَن يُؤۡتِيَهُ ٱللَّهُ ٱلۡكِتَٰبَ وَٱلۡحُكۡمَ وَٱلنُّبُوَّةَ ثُمَّ يَقُولَ لِلنَّاسِ كُونُواْ عِبَادٗا لِّي مِن دُونِ ٱللَّهِ وَلَٰكِن كُونُواْ رَبَّٰنِيِّـۧنَ بِمَا كُنتُمۡ تُعَلِّمُونَ ٱلۡكِتَٰبَ وَبِمَا كُنتُمۡ تَدۡرُسُونَ
(79) It is not for a human [prophet][134] that Allāh should give him the Scripture[135] and authority and prophethood and then he would say to the people, "Be servants to me rather than Allāh," but [instead, he would say], "Be pious scholars of the Lord because of what you have taught of the Scripture and because of what you have studied."
[134]- Or any believer.
[135]- Or in the case of Prophet Muḥammad (ﷺ), "the Book" (i.e., the Qur’ān) .
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (79) सूरा: सूरा आले इम्रान
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का अंग्रेज़ी अनुवाद, सहीह इंटरनेश्नल की प्रति, प्रकाशक : नूर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र

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