क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (109) सूरा: सूरा हूद
فَلَا تَكُ فِیْ مِرْیَةٍ مِّمَّا یَعْبُدُ هٰۤؤُلَآءِ ؕ— مَا یَعْبُدُوْنَ اِلَّا كَمَا یَعْبُدُ اٰبَآؤُهُمْ مِّنْ قَبْلُ ؕ— وَاِنَّا لَمُوَفُّوْهُمْ نَصِیْبَهُمْ غَیْرَ مَنْقُوْصٍ ۟۠
(ऐ रसूल) ये मुश्रिक लोग जिन (मूर्तियों) की पूजा कर रहे हैं, उनके भ्रष्ट होने के संबंध में आपको कोई संदेह नहीं होना चाहिए। क्योंकि उनके पास उसके सही होने पर कोई बौद्धिक या शरई प्रमाण नहीं है। बल्कि, उनके अल्लाह के अलावा अन्य को पूजने का कारण, मात्र अपने बाप-दादा का अनुकरण (नकल) है। निःसंदेह हम बिना कमी के उन्हें उनकी यातना का पूरा-पूरा हिस्सा देने वाले हैं।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• وجوب الاستقامة على دين الله تعالى.
• अल्लाह के धर्म पर जमे रहने की अनिवार्यता।

• التحذير من الركون إلى الكفار الظالمين بمداهنة أو مودة.
• चापलूसी या स्नेह के साथ अन्यायी काफिरों की ओर झुकने से चेतावनी।

• بيان سُنَّة الله تعالى في أن الحسنة تمحو السيئة.
• अल्लाह के इस नियम का वर्णन कि नेकी गुनाह को मिटा देती है।

• الحث على إيجاد جماعة من أولي الفضل يأمرون بالمعروف، وينهون عن الفساد والشر، وأنهم عصمة من عذاب الله.
• सदाचारी लोगों के एक समूह के निर्माण का आग्रह, जो अच्छी बातों का आदेश दे तथा भ्रष्टाचार और बुराई से रोके। और यह कि वे अल्लाह के अज़ाब से प्रतिरक्षा हैं।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (109) सूरा: सूरा हूद
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