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क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - पवित्र क़ुरआन की संक्षिप्त व्याख्या का हिंदी अनुवाद। * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद सूरा: यूसुफ़   आयत:
فَلَمَّاۤ اَنْ جَآءَ الْبَشِیْرُ اَلْقٰىهُ عَلٰی وَجْهِهٖ فَارْتَدَّ بَصِیْرًا ۚؕ— قَالَ اَلَمْ اَقُلْ لَّكُمْ ۚ— اِنِّیْۤ اَعْلَمُ مِنَ اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ۟
फिर जब याक़ूब के लिए ख़ुशियों भरी ख़बर लाने वाला व्यक्ति आया, उसने यूसुफ़ का कुर्ता उनके चेहरे पर डाल दिया, तो वह देखने लगे। तब उन्होंने अपने बेटों से कहा : क्या मैंने तुमसे कहा नहीं था कि मुझे अल्लाह की दया और उपकार की जो बातें मालूम हैं, तुम उन्हें नहीं जानते?
अरबी तफ़सीरें:
قَالُوْا یٰۤاَبَانَا اسْتَغْفِرْ لَنَا ذُنُوْبَنَاۤ اِنَّا كُنَّا خٰطِـِٕیْنَ ۟
याक़ूब अलैहिस्सलाम के बेटों ने यूसुफ़ और उनके भाई के साथ जो कुछ किया था उसके लिए अपने बाप से माफ़ी माँगते हुए कहा : ऐ हमारे पिता! अल्लाह से हमारे पिछले पापों के लिए क्षमा माँगे। निश्चित रूप से हमने यूसुफ़ और उनके सगे भई के साथ जो कुछ किया था, उसमें हम गुनहगार और दोषी थे।
अरबी तफ़सीरें:
قَالَ سَوْفَ اَسْتَغْفِرُ لَكُمْ رَبِّیْ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمُ ۟
उनके पिता ने उनसे कहा : मैं अपने पालनहार से तुम्हारे लिए क्षमा माँगूँगा। निःसंदेह वही अपने तौबा करने वाले बंदों के पापों को माफ़ करने वाला, उनपर दया करने वाला है।
अरबी तफ़सीरें:
فَلَمَّا دَخَلُوْا عَلٰی یُوْسُفَ اٰوٰۤی اِلَیْهِ اَبَوَیْهِ وَقَالَ ادْخُلُوْا مِصْرَ اِنْ شَآءَ اللّٰهُ اٰمِنِیْنَ ۟ؕ
याक़ूब अलैहिस्सलाम और उनका परिवार मिस्र में यूसुफ़ के पास जाने के लिए निकल पड़ा। जब वे यूसुफ़ के पास पहुँचे, तो यूसुफ़ ने अपने माता-पिता को अपने से क़रीब कर लिया और अपने भाइयों तथा उनके परिजनों से कहा : अल्लाह की इच्छा से सुरक्षित व निश्चिंत मिस्र में प्रवेश करो, तुम्हें यहाँ कोई कष्ट नहीं होगा।
अरबी तफ़सीरें:
وَرَفَعَ اَبَوَیْهِ عَلَی الْعَرْشِ وَخَرُّوْا لَهٗ سُجَّدًا ۚ— وَقَالَ یٰۤاَبَتِ هٰذَا تَاْوِیْلُ رُءْیَایَ مِنْ قَبْلُ ؗ— قَدْ جَعَلَهَا رَبِّیْ حَقًّا ؕ— وَقَدْ اَحْسَنَ بِیْۤ اِذْ اَخْرَجَنِیْ مِنَ السِّجْنِ وَجَآءَ بِكُمْ مِّنَ الْبَدْوِ مِنْ بَعْدِ اَنْ نَّزَغَ الشَّیْطٰنُ بَیْنِیْ وَبَیْنَ اِخْوَتِیْ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ لَطِیْفٌ لِّمَا یَشَآءُ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَلِیْمُ الْحَكِیْمُ ۟
तथा उन्होंने अपने माता-पिता को उस सिंहासन पर बिठाया, जिस पर वह बैठते थे। और उनको उनके माता-पिता एवं ग्यारह भाइयों ने सजदा करके सलाम पेश किया। ज्ञात हो कि यह सम्मान का सजदा था, इबादत का नहीं। यह अल्लाह के आदेश की पूर्ति के रूप में था जैसा कि स्वप्न में दिखाया गया था। इसीलिए यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने अपने पिता से कहा : आप लोगों का यह मुझे सजदा करके अभिवादन करना, मेरे उस सपने का साकार रूप है, जिसे मैंने पहले देखा था और आपको बताया था। आज मेरे रब ने उसके घटित होने से उसे सच कर दिया। निश्चय मेरे पालनहार ने मुझपर उपकार किया, जब मुझे क़ैदखाने से निकाला और जब आपको देहात से यहाँ ले आया, जबकि शैतान ने मेरे और मेरे भाइयों के बीच बिगाड़ पैदा कर दिया था। निःसंदेह मेरा पालनहार जो चाहे, उसका उपाय करने में अत्यंत सूक्ष्म है। निःसंदेह वह अपने बंदों के हालात से पूरी तरह अवगत, अपने प्रबंधन में पूर्ण हिकमत वाला है।
अरबी तफ़सीरें:
رَبِّ قَدْ اٰتَیْتَنِیْ مِنَ الْمُلْكِ وَعَلَّمْتَنِیْ مِنْ تَاْوِیْلِ الْاَحَادِیْثِ ۚ— فَاطِرَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ۫— اَنْتَ وَلِیّٖ فِی الدُّنْیَا وَالْاٰخِرَةِ ۚ— تَوَفَّنِیْ مُسْلِمًا وَّاَلْحِقْنِیْ بِالصّٰلِحِیْنَ ۟
फिर यूसुफ़ ने अपने पालनहार से दुआ की। कहा : ऐ मेरे रब! तूने मुझे मिस्र का राज्य प्रदान किया और मुझे सप्नों का अर्थ सिखाया। ऐ आकाशों और धरती के पैदा करने वाले तथा उन्हें किसी पूर्व नमूने के बिना बनाने वाले! तू ही सांसारिक जीवन में मेरे सभी मामलों का संरक्षक है, तथा आख़िरत में भी मेरे सभी मामलों संरक्षक है। मेरे जीवन के अंत में, मुझे एक मुसलमान के रूप में उठा और मुझे जन्नत के सबसे उच्च स्थान में मेरे बाप-दादाओं तथा अन्य लोगों में से सदाचारी नबियों के साथ मिला दे।
अरबी तफ़सीरें:
ذٰلِكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْغَیْبِ نُوْحِیْهِ اِلَیْكَ ۚ— وَمَا كُنْتَ لَدَیْهِمْ اِذْ اَجْمَعُوْۤا اَمْرَهُمْ وَهُمْ یَمْكُرُوْنَ ۟
यूसुफ़ और उनके भाइयों की यह उल्लिखित कहानी, हम इसकी (ऐ रसूल) आपकी ओर वह़्य कर रहे हैं। आपको इसकी जानकारी नहीं थी। क्योंकि आप यूसुफ़ के भाइयों के पास मौजूद नहीं थे, जब उन्होंने यूसुफ़ को कुएँ के अंदर डालने का निर्णय किया था और इसके लिए एक बड़ी चाल चली थी। लेकिन हमने आपकी ओर इसकी वह़्य की।
अरबी तफ़सीरें:
وَمَاۤ اَكْثَرُ النَّاسِ وَلَوْ حَرَصْتَ بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
और अधिकांश लोग हरगिज़ ईमान लाने वाले नहीं हैं, चाहे (ऐ रसूल) आप उनके ईमान के लिए हर संभव प्रयास कर लें। इसलिए आप उनपर अफ़सोस न करें।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• بر الوالدين وتبجيلهما وتكريمهما واجب، ومن ذلك المسارعة بالبشارة لهما فيما يدخل السرور عليهما.
• माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार और उनका आदर-सम्मान करना ज़रूरी है। और इसी में उन्हें ऐसी खुशख़बरी देने में जल्दी करना भी शामिल है, जिससे उनके दिल को खुशी मिले।

• التحذير من نزغ الشيطان، ومن الذي يسعى بالوقيعة بين الأحباب؛ ليفرق بينهم.
• शैतान के झगड़ा लगाने से सावधान करना और उस व्यक्ति से सावधान करना जो दोस्तों के बीच फूट डालने के लिए उनके बीच मनमुटाव और बिगाड़ पैदा करने का प्रयास करता है।

• مهما ارتفع العبد في دينه أو دنياه فإنَّ ذلك كله مرجعه إلى تفضّل الله تعالى وإنعامه عليه.
• कोई भी व्यक्ति अपने धर्म या सांसारिक जीवन में कितना भी ऊँचा क्यों न हो जाए, यह सब उसपर अल्लाह सर्वशक्तिमान की कृपा और अनुग्रह के कारण है।

• سؤال الله حسن الخاتمة والسلامة والفوز يوم القيامة والالتحاق برفقة الصالحين في الجنان.
• अल्लाह से अच्छे अंत, क़ियामत के दिन सुरक्षा और सफलता तथा जन्नत में सदाचारियों की संगत में शामिल होने के लिए प्रश्न करना।

• من فضل الله تعالى أنه يُطْلع أنبياءه على بعض من أمور الغيب لغايات وحكم.
• यह अल्लाह की कृपा है कि वह कुछ उद्देश्यों और हिकमतों के तहत अपने नबियों को ग़ैब की कुछ बातों की जानकारी देता है।

 
अर्थों का अनुवाद सूरा: यूसुफ़
सूरों की सूची पृष्ठ संख्या
 
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कुरआन अध्ययन एवं व्याख्या केंद्र द्वारा निर्गत।

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