क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (33) सूरा: सूरा यूसुफ़
قَالَ رَبِّ السِّجْنُ اَحَبُّ اِلَیَّ مِمَّا یَدْعُوْنَنِیْۤ اِلَیْهِ ۚ— وَاِلَّا تَصْرِفْ عَنِّیْ كَیْدَهُنَّ اَصْبُ اِلَیْهِنَّ وَاَكُنْ مِّنَ الْجٰهِلِیْنَ ۟
यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने अपने पालनहार से प्रार्थना करते हुए कहा : ऐ मेरे पालनहार! जिस जेल की इसने मुझे धमकी दी है, वह मेरे निकट उस कुकर्म को करने से अधिक प्रिय है, जिसकी ओर ये स्त्रियाँ मुझे बुला रही हैं। यदि तूने इनके छल को मुझसे दूर नहीं किया, तो मैं इनकी ओर झुक जाऊँगा, और यदि मैं इनकी ओर झुक गया और उस चीज़ में उनका पालन किया जो वे मुझसे चाहती हैं, तो मैं अज्ञानियों में से हो जाऊँगा।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• بيان جمال يوسف عليه السلام الذي كان سبب افتتان النساء به.
• यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के सौंदर्य का वर्णन, जो नगर की स्त्रियों के उनपर मुग्ध होने का कारण था।

• إيثار يوسف عليه السلام السجن على معصية الله.
• यूसुफ़ अलैहिस्सलाम का अल्लाह की अवज्ञा पर कारागार को प्रधानता देना।

• من تدبير الله ليوسف عليه السلام ولطفه به تعليمه تأويل الرؤى وجعلها سببًا لخروجه من بلاء السجن.
• यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के लिए अल्लाह के उपाय (व्यवस्था) तथा उनके प्रति उसकी दया का एक दृश्य यह है कि उसने उन्हें स्वप्न की व्याख्या करना सिखाया और उसे उनके जेल से बाहर निकलने का कारण बना दिया।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (33) सूरा: सूरा यूसुफ़
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