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क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - पवित्र क़ुरआन की संक्षिप्त व्याख्या का हिंदी अनुवाद। * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद सूरा: अल्-अम्बिया   आयत:
فَجَعَلَهُمْ جُذٰذًا اِلَّا كَبِیْرًا لَّهُمْ لَعَلَّهُمْ اِلَیْهِ یَرْجِعُوْنَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने उनकी मूर्तियों को तोड़कर उनके छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए। और उनमें से सबसे बड़े को रहने दिया, ताकि वे उससे यह पूछने के लिए लौटें कि उन्हें किसने तोड़ा।
अरबी तफ़सीरें:
قَالُوْا مَنْ فَعَلَ هٰذَا بِاٰلِهَتِنَاۤ اِنَّهٗ لَمِنَ الظّٰلِمِیْنَ ۟
जब वे वापस आए और देखा कि उनकी मूर्तियों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए हैं, तो उन्होंने एक-दूसरे से पूछा : हमारे पूज्यों को किसने तोड़ डाला? निःसंदेह जिसने उन्हें तोड़ा है, वह निश्चय ज़ालिमों में से है। क्योंकि उसने उसका तिरस्कार किया जो सम्मान और पवित्रीकरण के योग्य है।
अरबी तफ़सीरें:
قَالُوْا سَمِعْنَا فَتًی یَّذْكُرُهُمْ یُقَالُ لَهٗۤ اِبْرٰهِیْمُ ۟ؕ
उनमें से किसी ने कहा : हमने एक नवयुवक को सुना है, जो इनकी बुराई कर रहा था, उसे इबराहीम कहा जाता है। शायद उसी ने इनके टुकड़े-टुकड़े किए हैं।
अरबी तफ़सीरें:
قَالُوْا فَاْتُوْا بِهٖ عَلٰۤی اَعْیُنِ النَّاسِ لَعَلَّهُمْ یَشْهَدُوْنَ ۟
उनके सरदारों ने कहा : इबराहीम को लोगों की दृष्टि के सामने लाओ, ताकि वे उसके अपने किए का इक़रार करने पर गवाह हो जाएँ। फिर उसका इक़रार तुम्हारे लिए उसके ख़िलाफ़ सबूत बन जाए।
अरबी तफ़सीरें:
قَالُوْۤا ءَاَنْتَ فَعَلْتَ هٰذَا بِاٰلِهَتِنَا یٰۤاِبْرٰهِیْمُ ۟ؕ
अतः उन्होंने इबराहीम अलैहिस्सलाम को हाज़िर किया और उनसे पूछा : ऐ इबराहीम! क्या तूने ही हमारी मूर्तियों के साथ यह घिनौना काम किया है?!
अरबी तफ़सीरें:
قَالَ بَلْ فَعَلَهٗ ۖۗ— كَبِیْرُهُمْ هٰذَا فَسْـَٔلُوْهُمْ اِنْ كَانُوْا یَنْطِقُوْنَ ۟
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने (उनका मज़ाक़ उड़ाते हुए, लोगों की दृष्टि के सामने उनकी मूर्तियों की विवशता उजागर करते हुए) कहा : मैंने ऐसा नहीं किया, बल्कि यह काम सबसे बड़ी मूर्ति का है। इसलिए अपनी मूर्तियों से पूछ लो, यदि वे बोलती हैं।
अरबी तफ़सीरें:
فَرَجَعُوْۤا اِلٰۤی اَنْفُسِهِمْ فَقَالُوْۤا اِنَّكُمْ اَنْتُمُ الظّٰلِمُوْنَ ۟ۙ
उन्होंने अपने मन में विचार और चिंतन किया, तो उनके लिए यह स्पष्ट हो गया कि उनकी मूर्तियाँ लाभ या हानि पहुँचाने की मालिक नहीं हैं। इसलिए वे अल्लाह को छोड़कर उनकी पूजा करने के कारण खुद ही ज़ालिम हैं।
अरबी तफ़सीरें:
ثُمَّ نُكِسُوْا عَلٰی رُءُوْسِهِمْ ۚ— لَقَدْ عَلِمْتَ مَا هٰۤؤُلَآءِ یَنْطِقُوْنَ ۟
फिर वे अपने हठ और इनकार पर लौट आए और बोले : (ऐ इबराहीम!) तुम अच्छी तरह जानते हो कि ये मूर्तियाँ बोलती नहीं हैं, तो तुम हमें उनसे पूछने का आदेश कैसे देते हो? यह बात उन्होंने अपने लिए एक तर्क के रूप में कही, लेकिन यह खुद उनके खिलाफ़ तर्क बन गई।
अरबी तफ़सीरें:
قَالَ اَفَتَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا یَنْفَعُكُمْ شَیْـًٔا وَّلَا یَضُرُّكُمْ ۟ؕ
इबराहीम अलैहिस्सलाम ने (उनका खंडन करते हुए) कहा : क्या तुम अल्लाह को छोड़कर ऐसी मूर्तियों की पूजा करते हो, जो न तुम्हें कुछ लाभ पहुँचाती हैं, और न तुम्हें हानि पहुँचाती है। बल्कि वे खुद से हानि को टालने या अपने आपको लाभ पहुँचाने में असमर्थ हैं।
अरबी तफ़सीरें:
اُفٍّ لَّكُمْ وَلِمَا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
तुम्हारा बुरा हो, और उन मूर्तियों का भी बुरा हो, जिन्हें तुम अल्लाह को छोड़कर पूजने में लगे हो, जो न लाभ पहुँचाती हैं न हानि। क्या तुम यह बात नहीं समझते, कि उनकी पूजा छोड़ दो।
अरबी तफ़सीरें:
قَالُوْا حَرِّقُوْهُ وَانْصُرُوْۤا اٰلِهَتَكُمْ اِنْ كُنْتُمْ فٰعِلِیْنَ ۟
जब वे तर्क द्वारा उनका सामना करने में असमर्थ रहे, तो उन्होंने बल का सहारा लिया और बोले : अपनी उन मूर्तियों का समर्थन करते हुए, इबराहीम को आग से जला दो, जिन्हें इसने तोड़कर नष्ट कर दिया, यदि तुम इसे एक निवारक सज़ा देना चाहते हो।
अरबी तफ़सीरें:
قُلْنَا یٰنَارُ كُوْنِیْ بَرْدًا وَّسَلٰمًا عَلٰۤی اِبْرٰهِیْمَ ۟ۙ
उन्होंने एक आग जलाई और इबराहीम अलैहिस्सलाम को उसमें फेंक दिया, तो हमने कहा : ऐ आग! इबराहीम पर ठंडक और सुरक्षा बन जा। चुनाँचे वह ऐसी हो गई। इसलिए उन्हें कोई कष्ट नहीं पहुँचा।
अरबी तफ़सीरें:
وَاَرَادُوْا بِهٖ كَیْدًا فَجَعَلْنٰهُمُ الْاَخْسَرِیْنَ ۟ۚ
इबराहीम अलैहिस्सलाम की जाति के लोगों ने उनके साथ यह चाल चलनी चाही कि उन्हें जला दें, तो हमने उनकी चाल को निरस्त कर दिया और उन्हीं को विनष्ट एवं पराजित होने वाले कर दिया।
अरबी तफ़सीरें:
وَنَجَّیْنٰهُ وَلُوْطًا اِلَی الْاَرْضِ الَّتِیْ بٰرَكْنَا فِیْهَا لِلْعٰلَمِیْنَ ۟
और हमने उन्हें और लूत को बचा लिया और दोनों को निकालकर शाम (लेवंत) की भूमि पर ले गए, जिसमें हमने बरकत रखी। क्योंकि हमने उसमें नबियों को भेजे और लोगों के लिए उसमें भलाइयाँ रख दीं।
अरबी तफ़सीरें:
وَوَهَبْنَا لَهٗۤ اِسْحٰقَ ؕ— وَیَعْقُوْبَ نَافِلَةً ؕ— وَكُلًّا جَعَلْنَا صٰلِحِیْنَ ۟
हमने उन्हें इसहाक़ प्रदान किया, जब उन्होंने अपने रब से एक पुत्र देने के लिए दुआ की, तथा हमने उन्हें एक अतिरिक्त याक़ूब भी प्रदान किया। इबराहीम और उनके बेटे इसहाक़ और (पोते) याक़ूब में से हर एक को हमने नेक और अल्लाह का आज्ञाकारी बनाया।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• جواز استخدام الحيلة لإظهار الحق وإبطال الباطل.
• सत्य को प्रकट करने और असत्य को ग़लत साबित करने के लिए ह़ीला उपयोग करने की अनुमति।

• تعلّق أهل الباطل بحجج يحسبونها لهم، وهي عليهم.
• असत्यवादी ऐसे तर्कों का सहारा लेते हैं, जिन्हें वे अपने हित में समझते हैं, जबकि दरअसल वे उनके विरुद्ध होते हैं।

• التعنيف في القول وسيلة من وسائل التغيير للمنكر إن لم يترتّب عليه ضرر أكبر.
• सख़्त लहजा अपनाना बुराई को मिटाने का एक साधन है, यदि उसके परिणाम स्वरूप उससे बड़ा नुक़सान न हो।

• اللجوء لاستخدام القوة برهان على العجز عن المواجهة بالحجة.
• बल प्रयोग का सहारा लेना, तर्क के साथ सामना करने में असमर्थता का प्रमाण है।

• نَصْر الله لعباده المؤمنين، وإنقاذه لهم من المحن من حيث لا يحتسبون.
• अल्लाह अपने मोमिन बंदों की इस तरह सहायता करता और उन्हें विपत्तियों से बचाता है कि वे सोच भी नहीं सकते।

 
अर्थों का अनुवाद सूरा: अल्-अम्बिया
सूरों की सूची पृष्ठ संख्या
 
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कुरआन अध्ययन एवं व्याख्या केंद्र द्वारा निर्गत।

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