क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (4) सूरा: सूरा अल्-क़सस
اِنَّ فِرْعَوْنَ عَلَا فِی الْاَرْضِ وَجَعَلَ اَهْلَهَا شِیَعًا یَّسْتَضْعِفُ طَآىِٕفَةً مِّنْهُمْ یُذَبِّحُ اَبْنَآءَهُمْ وَیَسْتَحْیٖ نِسَآءَهُمْ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ مِنَ الْمُفْسِدِیْنَ ۟
फ़िरऔन ने मिस्र की धरती में सरकशी की और उसपर अधिकार जमा लिया, तथा उसके निवासियों को अलग-अलग गुटों में कर दिया। वह उनमें से एक गुट अर्थात् बनी इसराईल को कमज़ोर कर रखा था। उनके पुरुषों को मार देता और उन्हें और अधिक अपमानित करने के लिए उनकी महिलाओं को सेवा में रखने के लिए जीवित छोड़ देता था। निःसंदेह वह अत्याचार, सरकशी तथा अहंकार के साथ धरती पर बिगाड़ पैदा करने वालों में से था।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• الإيمان والعمل الصالح سببا النجاة من الفزع يوم القيامة.
• ईमान तथा सत्कर्म क़ियामत के दिन भय से मुक्ति का साधन हैं।

• الكفر والعصيان سبب في دخول النار.
• कुफ़्र एवं अवज्ञा नरक की आग में प्रवेश करने का कारण है।

• تحريم القتل والظلم والصيد في الحرم.
• 'ह़रम' की सीमाओं के अंदर क़त्ल, अत्याचार और शिकार करना ह़राम है।

• النصر والتمكين عاقبة المؤمنين.
• ईमान वालों को अंततः विजय और सशक्तिकरण प्राप्त होता है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (4) सूरा: सूरा अल्-क़सस
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