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क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - पवित्र क़ुरआन की संक्षिप्त व्याख्या का हिंदी अनुवाद। * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद सूरा: अल्-अन्कबूत   आयत:
وَقَارُوْنَ وَفِرْعَوْنَ وَهَامٰنَ ۫— وَلَقَدْ جَآءَهُمْ مُّوْسٰی بِالْبَیِّنٰتِ فَاسْتَكْبَرُوْا فِی الْاَرْضِ وَمَا كَانُوْا سٰبِقِیْنَ ۟ۚ
और (जब क़ारून ने मूसा अलैहिस्सलाम की जाति पर अत्याचार किया, तो) हमने उसे तथा उसके घर को धरती में धँसाकर नाश कर दिया। तथा फ़िरऔन और उसके मंत्री हामान को समुद्र में डुबोकर नाश किया। निःसंदेह मूसा अलैहिस्सलाम उनके पास अपनी सच्चाई को दर्शाने वाली स्पष्ट निशानियाँ लेकर आए। परंतु उन लोगों ने मिस्र की भूमि में उनपर ईमान लाने से अभिमान दिखाया। और वे हमसे छूटकर हमारे दंड से बच नहीं सकते थे।
अरबी तफ़सीरें:
فَكُلًّا اَخَذْنَا بِذَنْۢبِهٖ ۚ— فَمِنْهُمْ مَّنْ اَرْسَلْنَا عَلَیْهِ حَاصِبًا ۚ— وَمِنْهُمْ مَّنْ اَخَذَتْهُ الصَّیْحَةُ ۚ— وَمِنْهُمْ مَّنْ خَسَفْنَا بِهِ الْاَرْضَ ۚ— وَمِنْهُمْ مَّنْ اَغْرَقْنَا ۚ— وَمَا كَانَ اللّٰهُ لِیَظْلِمَهُمْ وَلٰكِنْ كَانُوْۤا اَنْفُسَهُمْ یَظْلِمُوْنَ ۟
अतः हमने उक्त समुदायों में से प्रत्येक को अपनी विनाशकारी यातना के द्वारा पकड़ लिया। उनमें लूत के समुदाय के लोग थे, जिनपर हमने ताबड़-तोड़ कंकरीले पत्थर बरसाए, उनमें सालेह के समुदाय और शुऐब के समुदाय थे, जिन्हें चीख ने पकड़ लिया, उनमें क़ारून था जिसे हमने उसके घर समेत धरती में धँसा दिया, तथा उनमें नूह के समुदाय के लोग, फ़िरऔन और हामान भी थे, जिन्हें हमने डुबो कर विनष्ट कर दिया। अल्लाह ऐसा न था कि उन्हें बिना पाप के नष्ट करके उन पर अत्याचार करे, परंतु वे पाप करके स्वयं अपने आपपर अत्याचार कर रहे थे, इसलिए वे दंड के पात्र थे।
अरबी तफ़सीरें:
مَثَلُ الَّذِیْنَ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَوْلِیَآءَ كَمَثَلِ الْعَنْكَبُوْتِ ۚ— اِتَّخَذَتْ بَیْتًا ؕ— وَاِنَّ اَوْهَنَ الْبُیُوْتِ لَبَیْتُ الْعَنْكَبُوْتِ ۘ— لَوْ كَانُوْا یَعْلَمُوْنَ ۟
उन मुश्रिकों का उदाहरण, जो अल्लाह के अलावा मूर्तियाँ बनाकर उनके लाभ या उनकी सिफारिश की आशा में उनकी पूजा करते हैं, मकड़ी के उदाहरण के समान है, जिसने एक घर बनाया ताकि उसे आक्रमण से बचाए। हालाँकि सब घरों से कमज़ोर घर मकड़ी का घर है, इसलिए वह उसे शत्रु से सुरक्षा प्रदान नहीं करता। यही हाल उनकी मूर्तियों का है, वे न लाभ पहुँचाती हैं, न हानि और न ही सिफ़ारिश कर सकती हैं। यदि मुश्रिक लोग इसे जानते होते, तो वे मूर्तियाँ बनाकर अल्लाह के सिवा उनकी पूजा नहीं करते।
अरबी तफ़सीरें:
اِنَّ اللّٰهَ یَعْلَمُ مَا یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖ مِنْ شَیْءٍ ؕ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
निश्चय पवित्र एवं सर्वोच्च अल्लाह जनता है जिसे वे उसके अलावा पूजते हैं। उसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। तथा वह सबपर प्रभुत्वशाली है जिसे पराजित नहीं किया जा सकता, अपनी रचना, नियति और प्रबंधन में पूर्ण हिकमत वाला है।
अरबी तफ़सीरें:
وَتِلْكَ الْاَمْثَالُ نَضْرِبُهَا لِلنَّاسِ ۚ— وَمَا یَعْقِلُهَاۤ اِلَّا الْعٰلِمُوْنَ ۟
हम इन उदाहरणों को लोगों के लिए प्रस्तुत करते हैं, ताकि उन्हें जगाया जा सके, उन्हें सच्चाई से अवगत कराया जा सके और उसकी ओर उनका मार्गदर्शन किया जा सके। और इन्हें ठीक से वही समझ सकते हैं, जो अल्लाह की शरीयत और उसकी हिकमतों को जानने वाले हैं।
अरबी तफ़सीरें:
خَلَقَ اللّٰهُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لِّلْمُؤْمِنِیْنَ ۟۠
पवित्र एवं सर्वोच्च अल्लाह ने आकाशों तथा धरती को सत्य के साथ पैदा किया, उसने उन्हें असत्य के साथ और व्यर्थ नहीं बनाया। निश्चय इस रचना में मोमिनों के लिए अल्लाह की शक्ति की स्पष्ट निशानी है। क्योंकि केवल ईमानवाले ही अल्लाह की सृष्टि को पवित्र सृष्टिकर्ता के अस्तित्व के लिए प्रमाण बनाते हैं। रही बात काफिरों की, तो वे क्षितिज (ब्रह्मांड) में तथा स्वंय अपने भीतर मौजूद निशानियों से यूँ ही गुज़र जाते हैं, वे सृष्टिकर्ता की महानता और उसकी क्षमता की ओर उनका ध्यान आकर्षित नहीं करती हैं।
अरबी तफ़सीरें:
اُتْلُ مَاۤ اُوْحِیَ اِلَیْكَ مِنَ الْكِتٰبِ وَاَقِمِ الصَّلٰوةَ ؕ— اِنَّ الصَّلٰوةَ تَنْهٰی عَنِ الْفَحْشَآءِ وَالْمُنْكَرِ ؕ— وَلَذِكْرُ اللّٰهِ اَكْبَرُ ؕ— وَاللّٰهُ یَعْلَمُ مَا تَصْنَعُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप लोगों के समक्ष उस क़ुरआन को पढ़ें, जिसकी अल्लाह ने आपकी ओर वह़्य की है, तथा सबसे पूर्ण तरीके से नमाज़ अदा करें। बेशक पूर्ण विधि के साथ पढ़ी जाने वाली नमाज़ उसके पढ़ने वाले को पापों तथा बुराइयों में पड़ने से रोकती है; क्योंकि यह दिल के अंदर एक प्रकाश पैदा कर देती है, जो पाप करने से रोकता है और अच्छे कर्म करने के लिए मार्गदर्शन करता है। और निश्चय अल्लाह का स्मरण हर चीज से बड़ा और महान है। और जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह उसे जानता है, तुम्हारे कार्यों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। और वह तुम्हें तुम्हारे कार्यों का प्रतिफल देगा, यदि भला है, तो भला (बदला) और यदि बुरा है, तो बुरा (बदला)।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• أهمية ضرب المثل: (مثل العنكبوت) .
• उदाहरण प्रस्तुत करने का महत्व : जैसे (मकड़ी का उदाहरण)।

• تعدد أنواع العذاب في الدنيا.
• दुनिया में यातनाओं के विभिन्न प्रकार।

• تَنَزُّه الله عن الظلم.
• अल्लाह का अत्याचार से पवित्र होना।

• التعلق بغير الله تعلق بأضعف الأسباب.
• अल्लाह के अलावा से लगाव रखना, सबसे कमज़ोर कारण से लगाव रखना है।

• أهمية الصلاة في تقويم سلوك المؤمن.
• मोमिन के व्यवहार को सुधारने में नमाज़ का महत्व।

 
अर्थों का अनुवाद सूरा: अल्-अन्कबूत
सूरों की सूची पृष्ठ संख्या
 
क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - पवित्र क़ुरआन की संक्षिप्त व्याख्या का हिंदी अनुवाद। - अनुवादों की सूची

कुरआनिक अध्ययन के लिए कार्यरत व्याख्या केंद्र द्वारा निर्गत।

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