क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (188) सूरा: सूरा आले इम्रान
لَا تَحْسَبَنَّ الَّذِیْنَ یَفْرَحُوْنَ بِمَاۤ اَتَوْا وَّیُحِبُّوْنَ اَنْ یُّحْمَدُوْا بِمَا لَمْ یَفْعَلُوْا فَلَا تَحْسَبَنَّهُمْ بِمَفَازَةٍ مِّنَ الْعَذَابِ ۚ— وَلَهُمْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
(ऐ नबी) आप बिलकुल यह न समझें कि जो लोग बुराई करके प्रसन्न होते हैं तथा चाहते हैं कि जो अच्छे कार्य उन्होंने नहीं किए हैं, उनपर (भी) लोग उनकी प्रशंसा करें, आप कभी उन्हें यातना से सुरक्षित और मुक्त न समझें। बल्कि उनका ठिकाना जहन्नम है और उसमें उनके लिए दर्दनाक यातना है।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• من صفات علماء السوء من أهل الكتاب: كتم العلم، واتباع الهوى، والفرح بمدح الناس مع سوء سرائرهم وأفعالهم.
• किताब वालों के बुरे विद्वानों की विशेषताओं में से : ज्ञान को छिपाना, इच्छा का पालन करना तथा अपने दुष्ट हृदय और बुरे कर्मों के बावजूद लोगों की प्रशंसा से प्रसन्न होना है।

• التفكر في خلق الله تعالى في السماوات والأرض وتعاقب الأزمان يورث اليقين بعظمة الله وكمال الخضوع له عز وجل.
• आकाशों और पृथ्वी में सर्वशक्तिमान अल्लाह की रचना तथा समय के आने-जाने पर चिंतन करने से अल्लाह की महानता का यक़ीन और उसके प्रति पूर्ण अधीनता का आभास होता है।

• دعاء الله وخضوع القلب له تعالى من أكمل مظاهر العبودية.
• अल्लाह को पुकारना और दिल का उस सर्वशक्तिमान के अधीन होना, बंदगी (अल्लाह की दासता) के सबसे पूर्ण अभिव्यक्तियों में से एक है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (188) सूरा: सूरा आले इम्रान
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