क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (29) सूरा: सूरा अस्-सज्दा
قُلْ یَوْمَ الْفَتْحِ لَا یَنْفَعُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِیْمَانُهُمْ وَلَا هُمْ یُنْظَرُوْنَ ۟
(ऐ रसूल) उनसे कह दें : यह वादा, क़ियामत का दिन है। वही बंदों के बीच निर्णय का दिन है, जब इस दुनिया में अल्लाह का इनकार करने वालों को, क़ियामत के दिन को अपनी आँखों से देख लेने के बाद, उनका विश्वास करना कोई लाभ नहीं देगा। और न ही उन्हें मोहलत दी जाएगी कि वे अपने पालनहार से तौबा कर लें ओर उसकी ओर लौट आएँ।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• عذاب الكافر في الدنيا وسيلة لتوبته.
• दुनिया में काफ़िर की सज़ा उसकी तौबा के लिए एक साधन है।

• ثبوت اللقاء بين نبينا صلى الله عليه وسلم وموسى عليه السلام ليلة الإسراء والمعراج.
• इसरा और मे'राज की रात, हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और मूसा अलैहिस्सलाम के बीच मुलाक़ात का सबूत।

• الصبر واليقين صفتا أهل الإمامة في الدين.
• सब्र और यक़ीन दीन में अगुवाई करने वालों की दो विशेषताएँ हैं।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (29) सूरा: सूरा अस्-सज्दा
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