क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (41) सूरा: सूरा फ़ातिर
اِنَّ اللّٰهَ یُمْسِكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ اَنْ تَزُوْلَا ۚ۬— وَلَىِٕنْ زَالَتَاۤ اِنْ اَمْسَكَهُمَا مِنْ اَحَدٍ مِّنْ بَعْدِهٖ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ حَلِیْمًا غَفُوْرًا ۟
निःसंदेह अल्लाह सर्वशक्तिमान ही ने आकाशों तथा धरती को थामे हुए उन्हें हटने से रोकने वाला है। और यदि वे दोनों (मान लिया जाए कि) हट जाएँ, तो उस महिमावान के पश्चात कोई भी उन्हें हटने से नहीं रोक सकता। निःसंदेह वह अत्यंत सहनशील है, जो जल्दी किसी को सज़ा नहीं देता। अपने बंदों में से तौबा करने वालों के पापों को बड़ा क्षमा करने वाला है।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• الكفر سبب لمقت الله، وطريق للخسارة والشقاء.
• कुफ़्र अल्लाह के क्रोध का कारण तथा घाटा और दुर्भाग्य का मार्ग है।

• المشركون لا دليل لهم على شركهم من عقل ولا نقل.
• मुश्रिकों के पास उनके शिर्क का कोई प्रमाण नहीं है, न विवेक से और न शरीयत से।

• تدمير الظالم في تدبيره عاجلًا أو آجلًا.
• अत्याचारी का विनाश देर या सवेर उसके प्रबंधन (उपाय) ही में है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (41) सूरा: सूरा फ़ातिर
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