क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (44) सूरा: सूरा फ़ातिर
اَوَلَمْ یَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَیَنْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ وَكَانُوْۤا اَشَدَّ مِنْهُمْ قُوَّةً ؕ— وَمَا كَانَ اللّٰهُ لِیُعْجِزَهٗ مِنْ شَیْءٍ فِی السَّمٰوٰتِ وَلَا فِی الْاَرْضِ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ عَلِیْمًا قَدِیْرًا ۟
क्या क़ुरैश में से आपको झुठलाने वाले लोग, धरती में नहीं चले-फिरे कि वे इस बात पर चिंतन करते कि उनसे पहले के समुदायों में से (रसूलों को) झुठलाने वालों का अंत कैसा रहा? क्या उनका अंत बहुत बुरा नहीं हुआ था क्योंकि अल्लाह ने उन्हें विनष्ट कर दिया था, हालाँकि वे क़ुरैश से अधिक शक्तिशाली थे?! आकाशों तथा धरती की कोई चीज़ अल्लाह की पहुँच से बाहर नहीं है। वह इन झुठलाने वालों की करतूतों से भली-भाँति अवगत है। उनके कार्यों में से कोई चीज़ न उससे ओझल होती है और न छूटती है। वह जब चाहे, उन्हें विनष्ट करने में सामर्थ्यवान है।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• الكفر سبب لمقت الله، وطريق للخسارة والشقاء.
• कुफ़्र अल्लाह के क्रोध का कारण तथा घाटा और दुर्भाग्य का मार्ग है।

• المشركون لا دليل لهم على شركهم من عقل ولا نقل.
• मुश्रिकों के पास उनके शिर्क का कोई प्रमाण नहीं है, न विवेक से और न शरीयत से।

• تدمير الظالم في تدبيره عاجلًا أو آجلًا.
• अत्याचारी का विनाश देर या सवेर उसके प्रबंधन (उपाय) ही में है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (44) सूरा: सूरा फ़ातिर
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