क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (14) सूरा: सूरा यासीन
اِذْ اَرْسَلْنَاۤ اِلَیْهِمُ اثْنَیْنِ فَكَذَّبُوْهُمَا فَعَزَّزْنَا بِثَالِثٍ فَقَالُوْۤا اِنَّاۤ اِلَیْكُمْ مُّرْسَلُوْنَ ۟
जब हमने पहले उनकी ओर दो रसूल भेजे, ताकि वे उन्हें अल्लाह की तौहीद और उसकी इबादत की ओर बुलाएँ। परन्तु जब उन्होंने उन दोनों रसूलों को झुठला दिया, तो हमने तीसरा रसूल भेजकर उन दोनों को शक्ति प्रदान की। तीनों रसूलों ने बस्ती वालों से कहा : निःसंदेह - हम तीनों - तुम्हारी ओर रसूल बनाकर भेजे गए हैं, ताकि हम तुम्हें अल्लाह को एक मानने और उसकी शरीयत का पालन करने की ओर बुलाएँ।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• أهمية القصص في الدعوة إلى الله.
• अल्लाह की ओर बुलाने में कहानियों का महत्व।

• الطيرة والتشاؤم من أعمال الكفر.
• नहूसत और अपशकुन लेना कुफ़्र के कार्यों में से हैें।

• النصح لأهل الحق واجب .
• सत्यवादियों के लिए शुभचिंता अनिवार्य है।

• حب الخير للناس صفة من صفات أهل الإيمان.
• लोगों का भला चाहना ईमान वालों की एक विशेषता है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (14) सूरा: सूरा यासीन
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