क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (52) सूरा: सूरा यासीन
قَالُوْا یٰوَیْلَنَا مَنْ بَعَثَنَا مِنْ مَّرْقَدِنَا ۣٚۘ— هٰذَا مَا وَعَدَ الرَّحْمٰنُ وَصَدَقَ الْمُرْسَلُوْنَ ۟
मरणोपरांत पुनः उठाए जाने को झुठलाने वाले ये काफ़िर पछतावा प्रकट करते हुए कहेंगे : हाय हमारा नुक़सान! किसने हमें हमारी क़ब्रों से उठा दिया?! तो उन्हें उनके प्रश्न का उत्तर दिया जाएगा : यह वही है, जिसका अल्लाह ने वादा किया था। क्योंकि इसे अवश्य ही घटित होना था। और रसूलों ने इसके बारे में अल्लाह की ओर से जो कुछ पहुँचाया था, वह सच्चा था।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• من أساليب تربية الله لعباده أنه جعل بين أيديهم الآيات التي يستدلون بها على ما ينفعهم في دينهم ودنياهم.
• अल्लाह का अपने बंदों को प्रशिक्षण देने का एक तरीक़ा यह है कि उसने उनके सामने ऐसी निशानियाँ रख दी हैं, जिनसे वे उन बातों का पता चला सकते हैं, जो उनके लिए उनके दीन एवं दुनिया में लाभदायक हैं।

• الله تعالى مكَّن العباد، وأعطاهم من القوة ما يقدرون به على فعل الأمر واجتناب النهي، فإذا تركوا ما أمروا به، كان ذلك اختيارًا منهم.
• अल्लाह तआला ने बंदों को सक्षम बनाया है और उन्हें वह शक्ति प्रदान की है, जिससे वे आदेश का पालन कर सकते और निषेध से बच सकते हैं। फिर यदि उन्होंने उस चीज़ को छोड़ दिया जिसका उन्हें आदेश दिया गया था, तो यह उनका चुनाव और उनकी पसंद है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (52) सूरा: सूरा यासीन
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