क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (26) सूरा: सूरा फ़ुस्सिलत
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَا تَسْمَعُوْا لِهٰذَا الْقُرْاٰنِ وَالْغَوْا فِیْهِ لَعَلَّكُمْ تَغْلِبُوْنَ ۟
और काफ़िरों ने, तर्कों का सामना करने से विवश होकर एक-दूसरे को नसीहत करते हुए कहा कि उस क़ुरआन को न सुनो, जो मुहम्मद तुम्हें पढ़कर सुनाता है, और उसकी शिक्षाओं को भी न मानो, और जब उसे पढ़ा जाए तो खूब शोर मचाओ, हो सकता है कि इस तरह तुम उससे जीत जाओ और वह उसकी तिलावत और तुम्हें उसकी ओर बुलाने से बाज़ रहे और हम उससे मुक्ति पा जाएँ।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• سوء الظن بالله صفة من صفات الكفار.
• अल्लाह के बारे में बदगुमानी रखना, काफ़िरों की विशेषताओं में से एक विशेषता है।

• الكفر والمعاصي سبب تسليط الشياطين على الإنسان.
• कुफ़्र और पाप के कारण शैतान इनसान पर हावी हो जाता है।

• تمنّي الأتباع أن ينال متبوعوهم أشدّ العذاب يوم القيامة.
• क़ियामत के दिन अनुसरणकारी इस बात की कामना करेंगे कि उनके अगुवाओं को कठोरतम यातना दी जाए।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (26) सूरा: सूरा फ़ुस्सिलत
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