क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (65) सूरा: सूरा अज़्-ज़ुख़रुफ़
فَاخْتَلَفَ الْاَحْزَابُ مِنْ بَیْنِهِمْ ۚ— فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا مِنْ عَذَابِ یَوْمٍ اَلِیْمٍ ۟
फिर ईसाइयों के समूहों ने ईसा अलैहिस्सलाम के बारे में परस्पर मतभेद किया; चुनाँचे उनमें से कुछ का कहना है कि वह पूज्य हैं, तथा कुछ का कहना है कि वह अल्लाह के बेटे हैं। जबकि उनमें से कुछ कहते हैं कि वह और उनकी माँ दोनों पूज्य हैं। तो जिन लोगों ने (ईसा अलैहिस्सलाम के बारे में पूज्य होने, या अल्लाह का बेटा होने या तीन पूज्यों में से तीसरा होने की बात कहकर) अपने ऊपर अत्याचार किया है, उनके लिए दुःखदायी यातना की ख़राबी है, जो क़ियामत के दिन उनकी प्रतीक्षा कर रही है।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• نزول عيسى من علامات الساعة الكبرى.
• ईसा अलैहिस्सलाम का उतरना क़ियामत की बड़ी निशानियों में से है।

• انقطاع خُلَّة الفساق يوم القيامة، ودوام خُلَّة المتقين.
• क़ियामत के दिन अवज्ञाकारियों की दोस्ती ख़त्म हो जाएगी और आज्ञाकारियों की दोस्ती बाक़ी रहेगी।

• بشارة الله للمؤمنين وتطمينه لهم عما خلفوا وراءهم من الدنيا وعما يستقبلونه في الآخرة.
• अल्लाह की ओर से ईमान वालों के लिए शुभ सूचना तथा उन्होंने अपने पीछे जो कुछ दुनिया से छोड़ा है और आख़िरत में वे जिस चीज़ का सामना करने वाले हैं, उसके प्रति उन्हें आश्वासन देना।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (65) सूरा: सूरा अज़्-ज़ुख़रुफ़
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