क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (35) सूरा: सूरा अद्-दुख़ान
اِنْ هِیَ اِلَّا مَوْتَتُنَا الْاُوْلٰی وَمَا نَحْنُ بِمُنْشَرِیْنَ ۟
यह केवल हमारी पहली मृत्यु है, इसके बाद कोई जीवन नहीं है। तथा हम इस मृत्यु के बाद पुनर्जीवित नहीं किए जाएँगे।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• وجوب لجوء المؤمن إلى ربه أن يحفظه من كيد عدوّه.
• मोमिन को अपने दुश्मन की चाल से बचाव के लिए अपने पालनहार का सहारा लेना चाहिए।

• مشروعية الدعاء على الكفار عندما لا يستجيبون للدعوة، وعندما يحاربون أهلها.
• काफ़िरों पर बददुआ (शाप) करने की वैधता, जब वे इस्लाम के आमंत्रण को स्वीकार न करें और जब वे इस काम को करने वालों से युद्ध करें।

• الكون لا يحزن لموت الكافر لهوانه على الله.
• काफ़िर की मृत्यु पर ब्रह्मांड शोक नहीं करता है, क्योंकि वह अल्लाह के निकट हीन (तुच्छ) होता है।

• خلق السماوات والأرض لحكمة بالغة يجهلها الملحدون.
• आकाशों तथा धरती की रचना एक व्यापक हिकमत के तहत हुई है, जिससे नास्तिक अनभिज्ञ हैं।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (35) सूरा: सूरा अद्-दुख़ान
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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