क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (18) सूरा: सूरा अल्-जासिया
ثُمَّ جَعَلْنٰكَ عَلٰی شَرِیْعَةٍ مِّنَ الْاَمْرِ فَاتَّبِعْهَا وَلَا تَتَّبِعْ اَهْوَآءَ الَّذِیْنَ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
फिर हमने आपको अपने उस धर्म के एक स्पष्ट मार्ग, पद्वति और प्रणाली पर स्थापित कर दिया, जिसका आदेश हमने आपसे पूर्व अपने रसूलों को दिया था, जो ईमान और अच्छे कर्म की ओर बुलाता है। अतः आप इसी शरीयत का पालन करें और उन लोगों की इच्छाओं का पालन न करें, जो सत्य को नहीं जानते; क्योंकि उनकी इच्छाएँ सत्य से भ्रमित करने वाली हैं।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• العفو والتجاوز عن الظالم إذا لم يُظهر الفساد في الأرض، ويَعْتَدِ على حدود الله؛ خلق فاضل أمر الله به المؤمنين إن غلب على ظنهم العاقبة الحسنة.
• यदि अत्याचारी धरती में खुल्लम खुल्ला उपद्रव न फैलाए और अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन न करे, तो उससे उपेक्षा करना और माफ़ कर देना; एक उत्तम आचरण है, जिसका अल्लाह ने ईमान वालों को आदेश दिया है, यदि उन्हें उसके अच्छे परिणाम का प्रबल अनुमान है।

• وجوب اتباع الشرع والبعد عن اتباع أهواء البشر.
• शरीयत का पालन करना तथा मानवीय इच्छाओं का पालन करने से दूर रहना आवश्यक है।

• كما لا يستوي المؤمنون والكافرون في الصفات، فلا يستوون في الجزاء.
• जिस तरह मोमिन और काफ़िर गुणों में समान नहीं हैं, उसी तरह वे प्रतिफल में भी समान नहीं हैं।

• خلق الله السماوات والأرض وفق حكمة بالغة يجهلها الماديون الملحدون.
• अल्लाह ने आकाशों तथा धरती को व्यापक हिकमत के अनुसार पैदा किया है, जिससे नास्तिक भौतिकवादी अनभिज्ञ हैं।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (18) सूरा: सूरा अल्-जासिया
सूरों की सूची पृष्ठ संख्या
 
क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - अनुवादों की सूची

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

बंद करें