क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (6) सूरा: सूरा अल्-जासिया
تِلْكَ اٰیٰتُ اللّٰهِ نَتْلُوْهَا عَلَیْكَ بِالْحَقِّ ۚ— فَبِاَیِّ حَدِیْثٍ بَعْدَ اللّٰهِ وَاٰیٰتِهٖ یُؤْمِنُوْنَ ۟
इन निशानियों और प्रमाणों को हम (ऐ रसूल!) आपको सत्य के साथ सुना रहे हैं। अब अगर वे अल्लाह की अपने बंदे पर उतारी हुई वाणी और उसके प्रमाणों (तर्कों) पर ईमान नहीं लाते, तो इसके बाद वे किस बात पर ईमान लाएँगे और इसके बाद वे किन तर्कों को मानेंगे?
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• الكذب والإصرار على الذنب والكبر والاستهزاء بآيات الله: صفات أهل الضلال، وقد توعد الله المتصف بها.
• झूठ बोलना, पाप पर अड़े रहना, अहंकार करना और अल्लाह की आयतों का मज़ाक उड़ाना : पथ-भ्रष्ट लोगों की विशेषताएँ हैं और अल्लाह ने ऐसे लोगों को धमकी दी है।

• نعم الله على عباده كثيرة، ومنها تسخير ما في الكون لهم.
• अल्लाह की अपने बंदों पर बहुत-सी नेमतें हैं, जिनमें से एक ब्रह्मांड की समस्त चीज़ों को उनके लिए वशीभूत करना है।

• النعم تقتضي من العباد شكر المعبود الذي منحهم إياها.
• नेमतों की अपेक्षा यह है कि बंदे उस पूज्य का शुक्रिया अदा करें, जिसने उन्हें ये नेमतें प्रदान की हैं।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (6) सूरा: सूरा अल्-जासिया
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