क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (36) सूरा: सूरा अल्-माइदा
اِنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَوْ اَنَّ لَهُمْ مَّا فِی الْاَرْضِ جَمِیْعًا وَّمِثْلَهٗ مَعَهٗ لِیَفْتَدُوْا بِهٖ مِنْ عَذَابِ یَوْمِ الْقِیٰمَةِ مَا تُقُبِّلَ مِنْهُمْ ۚ— وَلَهُمْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
जिन लोगों ने अल्लाह और उसके रसूल के साथ कुफ़्र किया, यदि मान लिया जाए कि उनमें से हर एक धरती की सारी धन-दौलत का मालिक हो जाए और उसके साथ उतना ही और भी हो, फिर वे क़ियामत के दिन अपने आपको अल्लाह की यातना से मुक्त करने के लिए उसे पेश कर दें, तो वह उनसे स्वीकार नहीं किया जाएगा, और उनके लिए दर्दनाक यातना है।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• حرمة النفس البشرية، وأن من صانها وأحياها فكأنما فعل ذلك بجميع البشر، وأن من أتلف نفسًا بشرية أو آذاها من غير حق فكأنما فعل ذلك بالناس جميعًا.
• मानव आत्मा का सम्मान, और यह कि जिसने उसकी रक्षा की तथा उसे जीवन प्रदान किया, तो मानो उसने सभी मनुष्यों के साथ ऐसा किया, और जिसने किसी मानव आत्मा को अन्यायपूर्ण तरीके से नष्ट कर दिया या उसे नुक़सान पहुँचाया, तो मानो उसने सभी लोगों के साथ ऐसा किया।

• عقوبة الذين يحاربون الله ورسوله ممن يفسدون بالقتل وانتهاب الأموال وقطع الطرق هي: القتل بلا صلب، أو مع الصلب، أو قطع الأطرف من خلاف، أو بتغريبهم من البلاد؛ وهذا على حسب ما صدر منهم.
• जो लोग अल्लाह और उसके रसूल से युद्ध करते हैं, यानी जो हत्या करके, धन लूटकर और बटमारी करके (धरती में) उपद्रव फैलाते हैं, उनकी सज़ा : सूली पर चढ़ाए बिना, या सूली पर चढ़ाकर क़त्ल करना, या विपरीत दिशाओं से अंगों (हाथ-पैर) को काटना, या उन्हें देश से निष्कासित कर देना है; यह उनके द्वारा किए गए अपराध के अनुसार होगा।

• توبة المفسدين من المحاربين وقاطعي الطريق قبل قدرة السلطان عليهم توجب العفو.
• लूट-मार तथा उपद्रव करने वालों का प्रशासन के नियंत्रण में आने से पहले तौबा करना, क्षमा का कारण है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (36) सूरा: सूरा अल्-माइदा
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