क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (62) सूरा: सूरा अल्-माइदा
وَتَرٰی كَثِیْرًا مِّنْهُمْ یُسَارِعُوْنَ فِی الْاِثْمِ وَالْعُدْوَانِ وَاَكْلِهِمُ السُّحْتَ ؕ— لَبِئْسَ مَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप देखेंगे कि बहुत से यहूदी और मुनाफ़िक़ पाप करने के लिए जल्दी करते हैं, जैसे कि झूठ बोलना, दूसरों पर अत्याचार करना और लोगों के माल को निषिद्ध तरीक़े से खाना। बहुत बुरा है जो कुछ वे कर रहे हैं।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• ذمُّ العالم على سكوته عن معاصي قومه وعدم بيانه لمنكراتهم وتحذيرهم منها.
• विद्वान की, अपने लोगों के पापों पर चुप रहने, उनकी बुराइयों को स्पष्ट न करने और उन्हें उनसे सावधान न करने पर, निंदा।

• سوء أدب اليهود مع الله تعالى، وذلك لأنهم وصفوه سبحانه بأنه مغلول اليد، حابس للخير.
• सर्वशक्तिमान अल्लाह के साथ यहूदियों की बे-अदबी (धृष्टता)। क्योंकि उन्होंने अल्लाह का वर्णन इस तरह किया है कि उसका हाथ बँधा हुआ, भलाई को रोकने वाला है।

• إثبات صفة اليدين، على وجه يليق بذاته وجلاله وعظيم سلطانه.
• अल्लाह के लिए दो हाथों की विशेषता इस तरह से साबित मानना, जो उसके अस्तित्व, उसकी महिमा और उसके महान प्रभुत्व के योग्य है।

• الإشارة لما وقع فيه بعض طوائف اليهود من الشقاق والاختلاف والعداوة بينهم نتيجة لكفرهم وميلهم عن الحق.
• यहूदियों के कुछ संप्रदायों के अपने कुफ़्र तथा सत्य से दूरी के परिणामस्वरूप रंजिश, मतभेद और आपसी दुश्मनी में पड़ने की ओर संकेत।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (62) सूरा: सूरा अल्-माइदा
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