क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (92) सूरा: सूरा अल्-माइदा
وَاَطِیْعُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوا الرَّسُوْلَ وَاحْذَرُوْا ۚ— فَاِنْ تَوَلَّیْتُمْ فَاعْلَمُوْۤا اَنَّمَا عَلٰی رَسُوْلِنَا الْبَلٰغُ الْمُبِیْنُ ۟
शरीयत के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से दूर रहकर अल्लाह का आज्ञापालन करो और रसूल का आज्ञापालन करो तथा अवज्ञा से सावधान रहो। फिर यदि तुम उससे मुँह मोड़ो, तो जान लो कि हमारे रसूल का दायित्व केवल उस संदेश को पहुँचा देना है, जिसका अल्लाह ने उन्हें पहुँचाने का आदेश दिया है और वह उसे पहुँचा चुके हैं। इसलिए यदि तुम मार्गदर्शन अपना लो, तो इसमें तुम्हारा ही लाभ है, और यदि बुरे कर्म करो, तो तुम्हारा ही नुक़सान होगा।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• عدم مؤاخذة الشخص بما لم يُحَرَّم أو لم يبلغه تحريمه.
• किसी व्यक्ति की उस चीज़ पर पकड़ न करना जो निषिद्ध नहीं है या उसके निषिद्ध होने की सूचना उसे नहीं पहुँची है।

• تحريم الصيد على المحرم بالحج أو العمرة، وبيان كفارة قتله.
• जो व्यक्ति हज्ज या उम्रा के एहराम की स्थिति में है, उसपर शिकार का हराम होना, तथा उसके शिकार को मारने के प्रायश्चित का बयान।

• من حكمة الله عز وجل في التحريم: ابتلاء عباده، وتمحيصهم، وفي الكفارة: الردع والزجر.
• अल्लाह तआला के किसी चीज़ को हराम करने की एक हिकमत : अपने बंदों का परीक्षण और उनकी जाँच करना, तथा प्रायश्चित की हिकमत : निरोध और डाँट-फटकार है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (92) सूरा: सूरा अल्-माइदा
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