क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (23) सूरा: सूरा अन्-नज्म
اِنْ هِیَ اِلَّاۤ اَسْمَآءٌ سَمَّیْتُمُوْهَاۤ اَنْتُمْ وَاٰبَآؤُكُمْ مَّاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ بِهَا مِنْ سُلْطٰنٍ ؕ— اِنْ یَّتَّبِعُوْنَ اِلَّا الظَّنَّ وَمَا تَهْوَی الْاَنْفُسُ ۚ— وَلَقَدْ جَآءَهُمْ مِّنْ رَّبِّهِمُ الْهُدٰی ۟ؕ
ये मूर्तियाँ कुछ अर्थहीन नामों के सिवा कुछ नहीं हैं। इनके अंदर पूज्य होने की कोई विशेषता नहीं पाई जाती। तुमने और तुम्हारे बाप-दादाओं ने अपनी ओर से इनके नाम रख लिए हैं, अल्लाह ने इनका कोई प्रमाण नहीं उतारा। ये मुश्रिक लोग अपनी आस्था में केवल अटकल का और उन चीज़ों का अनुसरण कर रहे हैं, जो उनके मन की इच्छा होती है, जिसे शैतान ने उनके दिलों में सुंदर बना दिया है। जबकि निश्चय उनके पास उनके पालनहार की ओर से उसके नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के माध्यम से मार्गदर्शन आ चुका है, परंतु उन्होंने उसे नहीं अपनाया।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• كمال أدب النبي صلى الله عليه وسلم حيث لم يَزغْ بصره وهو في السماء السابعة.
• अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का परम शिष्टाचार, क्योंकि जब आप सातवें आसमान में थे, तो आपकी नज़र इधर-उधर नहीं गई।

• سفاهة عقل المشركين حيث عبدوا شيئًا لا يضر ولا ينفع، ونسبوا لله ما يكرهون واصطفوا لهم ما يحبون.
• मुश्रिकों की मूर्खता कि उन्होंने ऐसी वस्तु की इबादत की, जो न नुकसान पहुँचा सकती न लाभ, तथा अल्लाह की ओर उस चीज़ को मनसूब कर दिया, जिसे खुद नापसंद करते हैं और अपने लिए उस चीज़ को चुन लिया, जो उन्हें पसंद है।

• الشفاعة لا تقع إلا بشرطين: الإذن للشافع، والرضا عن المشفوع له.
• सिफ़ारिश दो शर्तों के साथ ही हो सकती है : सिफ़ारिश करने वाले को उसकी अनुमति मिली हो और अल्लाह उस व्यक्ति से राज़ी हो जिसके हक़ में सिफ़ारिश की जा रही है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (23) सूरा: सूरा अन्-नज्म
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