क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (36) सूरा: सूरा अल्-अन्आम
اِنَّمَا یَسْتَجِیْبُ الَّذِیْنَ یَسْمَعُوْنَ ؔؕ— وَالْمَوْتٰی یَبْعَثُهُمُ اللّٰهُ ثُمَّ اِلَیْهِ یُرْجَعُوْنَ ۟
आपकी लाई बातों को स्वीकार करते हुए केवल वही आपको उत्तर देंगे, जो लोग बात को सुनते और समझते हैं, और काफिर लोग तो मरे हुए हैं जिनका उनसे कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि उनके दिल मर चुके हैं। और मरे हुओं को अल्लाह क़ियामत के दिन पुनर्जीवित करके उठाएगा, फिर वे उसी अकेले की ओर लौटाए जाएँगे, ताकि वह उन्हें उनके किए का बदला दे।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• تشبيه الكفار بالموتى؛ لأن الحياة الحقيقية هي حياة القلب بقَبوله الحق واتباعه طريق الهداية.
• काफ़िरों की तुलना मुर्दों से करना; क्योंकि वास्तविक जीवन तो हृदय का जीवन है, जो सत्य को स्वीकार करने और हिदायत के मार्ग पर चलने से प्राप्त होता है।

• من حكمة الله تعالى في الابتلاء: إنزال البلاء على المخالفين من أجل تليين قلوبهم وردِّهم إلى ربهم.
• परीक्षा (आज़माइश) में डालने की अल्लाह की एक हिकमत : उल्लंघन करने वालों को विपत्ति से ग्रस्त करके उनके दिलों को नरम करना और उन्हें अपने पालनहार की ओर लौटाना है।

• وجود النعم والأموال بأيدي أهل الضلال لا يدل على محبة الله لهم، وإنما هو استدراج وابتلاء لهم ولغيرهم.
• पथभ्रष्ट लोगों के हाथों में नेमतों और धन की उपस्थिति, उनके लिए अल्लाह के प्रेम को नहीं दर्शाती है, बल्कि यह एक प्रलोभन तथा उनके और दूसरों के लिए परीक्षण है।

 
अर्थों का अनुवाद आयत: (36) सूरा: सूरा अल्-अन्आम
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