क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद सूरा: सूरा अल्-बय्यिना   आयत:

सूरा अल्-बय्यिना

सूरा के उद्देश्य:
بيان كمال الرسالة المحمدية ووضوحها.
मुह़म्मदी संदेश की पूर्णता और उसकी स्पष्टता का वर्णन।

لَمْ یَكُنِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ وَالْمُشْرِكِیْنَ مُنْفَكِّیْنَ حَتّٰی تَاْتِیَهُمُ الْبَیِّنَةُ ۟ۙ
यहूदियों, ईसाइयों और मुश्रिकों में से जिन लोगों ने कुफ़्र किया, वे कुफ़्र पर अपनी सर्वसम्मति और एकजुटता से हटने वाले नहीं थे, जब तक कि उनके पास एक स्पष्ट प्रमाण और एक स्पष्ट तर्क न आ जाए।
अरबी तफ़सीरें:
رَسُوْلٌ مِّنَ اللّٰهِ یَتْلُوْا صُحُفًا مُّطَهَّرَةً ۟ۙ
यह स्पष्ट प्रमाण और स्पष्ट तर्क अल्लाह का भेजा हुआ एक रसूल है, जो ऐसे पवित्र सहीफ़ों को पढ़कर सुनाता है, जिन्हें अल्लाह के पाक बंदे ही छूते हैं।
अरबी तफ़सीरें:
فِیْهَا كُتُبٌ قَیِّمَةٌ ۟ؕ
उन सहीफ़ों में सच्ची ख़बरें और ठीक आदेश अंकित हैं, जो लोगों का उस चीज़ की ओर मार्गदर्शन करते हैं जिसमें उनकी भलाई और हिदायत है।
अरबी तफ़सीरें:
وَمَا تَفَرَّقَ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ اِلَّا مِنْ بَعْدِ مَا جَآءَتْهُمُ الْبَیِّنَةُ ۟ؕ
यहूदी जिन्हें तौरात दिया गया था और ईसाई जिन्हें इंजील दिया गया था, वे अल्लाह के उनकी ओर अपने नबी को भेजने के बाद ही अलग हुए थे। चुनाँचे उनमें से कुछ ने इस्लाम धर्म अपना लिया और उनमें से कुछ अपने नबी की सच्चाई जानते हुए भी अपने कुफ़्र पर क़ायम रहे।
अरबी तफ़सीरें:
وَمَاۤ اُمِرُوْۤا اِلَّا لِیَعْبُدُوا اللّٰهَ مُخْلِصِیْنَ لَهُ الدِّیْنَ ۙ۬— حُنَفَآءَ وَیُقِیْمُوا الصَّلٰوةَ وَیُؤْتُوا الزَّكٰوةَ وَذٰلِكَ دِیْنُ الْقَیِّمَةِ ۟ؕ
यहूदियों और ईसाइयों का अपराध और हठ इस बात से प्रकट होता है कि उन्हें इस क़ुरआन में उन्हीं बातों का आदेश दिया गया, जिनका आदेश उन्हें उनकी किताबों में दिया गया था, जैसे केवल एक अल्लाह की इबादत करना, शिर्क से बचना, नमाज़ पढ़ना और ज़कात अदा करना। अतः उन्हें जिस चीज़ का आदेश दिया गया है, वही सीधा धर्म है, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• فضل ليلة القدر على سائر ليالي العام.
• लैलतुल क़द्र की वर्ष की अन्य सभी रातों पर श्रेष्ठता।

• الإخلاص في العبادة من شروط قَبولها.
• इबादत में इख़्लास (निष्ठा) का होना उसकी स्वीकृति की शर्तों में से एक है।

• اتفاق الشرائع في الأصول مَدعاة لقبول الرسالة.
• समस्त शरीयतों का मौलिक सिद्धांतों में समान होना, नबी के संदेश को स्वीकार करने का एक कारण है।

اِنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ وَالْمُشْرِكِیْنَ فِیْ نَارِ جَهَنَّمَ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ؕ— اُولٰٓىِٕكَ هُمْ شَرُّ الْبَرِیَّةِ ۟ؕ
निश्चय (यहूदियों, ईसाइयों और मुश्रिकों में से) जिन लोगों ने कुफ़्र किया, वे क़ियामत के दिन जहन्नम में दाखिल होंगे और हमेशा के लिए उसी में रहेंगे। वही लोग सबसे बुरे प्राणी हैं, क्योंकि उन्होंने अल्लाह का इनकार किया और उसके रसूल को झुठलाया।
अरबी तफ़सीरें:
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ ۙ— اُولٰٓىِٕكَ هُمْ خَیْرُ الْبَرِیَّةِ ۟ؕ
जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कार्य किए, वही लोग सबसे अच्छे प्राणी हैं।
अरबी तफ़सीरें:
جَزَآؤُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ جَنّٰتُ عَدْنٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَاۤ اَبَدًا ؕ— رَضِیَ اللّٰهُ عَنْهُمْ وَرَضُوْا عَنْهُ ؕ— ذٰلِكَ لِمَنْ خَشِیَ رَبَّهٗ ۟۠
उनका बदला, उनके रब के पास ऐसे बाग़ हैं, जिनके महलों और पेड़ों के नीचे से नहरें बहती हैं। वे उसमें हमेशा के लिए रहेंगे। अल्लाह उनके उसपर ईमान लाने और उसकी आज्ञा मानने के कारण उनसे खुश हुआ और वे उसकी दया को पाकर उससे खुश हुए। यह दया उसे प्राप्त होती है जो अपने पालनहार से डरता है, इसलिए उसकी आज्ञा का पालन करता है और उसके निषेध से बचता है।
अरबी तफ़सीरें:
इस पृष्ठ की आयतों से प्राप्त कुछ बिंदु:
• خشية الله سبب في رضاه عن عبده.
• काफ़िर सबसे बुरे प्राणी और मोमिन सबसे अच्छे प्राणी हैं।

• شهادة الأرض على أعمال بني آدم.
• अल्लाह का डर, उसके अपने बंदे से प्रसन्न होने का एक कारण है।

• الكفار شرّ الخليقة، والمؤمنون خيرها.
• धरती इनसान के कर्मों की गवाही देगी।

 
अर्थों का अनुवाद सूरा: सूरा अल्-बय्यिना
सूरों की सूची पृष्ठ संख्या
 
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