क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (103) सूरा: सूरा अन्-नह़्ल
وَلَقَدْ نَعْلَمُ اَنَّهُمْ یَقُوْلُوْنَ اِنَّمَا یُعَلِّمُهٗ بَشَرٌ ؕ— لِسَانُ الَّذِیْ یُلْحِدُوْنَ اِلَیْهِ اَعْجَمِیٌّ وَّهٰذَا لِسَانٌ عَرَبِیٌّ مُّبِیْنٌ ۟
तथा निःसंदेह हम जानते हैं कि वे (काफ़िर) कहते हैं : इसे तो एक मानव ही सिखाता[46] है। उस व्यक्ति की भाषा जिसकी ओर वे ग़लत निस्बत कर रहे हैं, अजमी (ग़ैर-अरबी)[47] है और यह स्पष्ट अरबी भाषा है।
46. इस आयत में मक्का के मिश्रणवादियों के इस आरोप का खंडन किया गया है कि क़ुरआन आपको एक विदेशी सिखा रहा है। 47. अर्थात मक्का वाले जिसे कहते हैं कि वह मुह़म्मद को क़ुरआन सिखाता है उसकी भाषा तो अरबी है ही नहीं, तो वह आपको क़ुरआन कैसे सिखा सकता है, जो बहुत उत्तम तथा श्रेष्ठ अरबी भाषा में है। क्या वे इतना भी नहीं समझते?
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (103) सूरा: सूरा अन्-नह़्ल
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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