क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (33) सूरा: सूरा अल्-इस्रा
وَلَا تَقْتُلُوا النَّفْسَ الَّتِیْ حَرَّمَ اللّٰهُ اِلَّا بِالْحَقِّ ؕ— وَمَنْ قُتِلَ مَظْلُوْمًا فَقَدْ جَعَلْنَا لِوَلِیِّهٖ سُلْطٰنًا فَلَا یُسْرِفْ فِّی الْقَتْلِ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ مَنْصُوْرًا ۟
और किसी (ऐसे) प्राणी को क़त्ल न करो, जिसे (क़त्ल करना) अल्लाह ने हराम किया है, परंतु अधिकार[20] के साथ। और जिसे अन्यायपूर्ण रूप से क़त्ल कर दिया जाए, तो हमने उसके उत्तराधिकारी को (बदला लेने का) अधिकार[21] दिया है। अतः वह क़त्ल (बदला लेने) में सीमा से आगे[22] न बढ़े। निश्चय वह मदद किया हुआ है।
20. अर्थात 'क़िसास' के तौर पर अथवा विवाहित होते हुए व्यभिचार के कारण, अथवा इस्लाम से फिर जाने के कारण। 21. अर्थात उसे यह अधिकार है कि वह 'क़िसास' के तौर पर हत्यारे को क़त्ल करने की माँग करे, या मुआवज़े के बिना क्षमा कर दे, या दियत (खून की क़ीमत) लेकर क्षमा करे। 22. अर्थात एक के बदले दो को या दूसरे की हत्या न करे।
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (33) सूरा: सूरा अल्-इस्रा
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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