क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (46) सूरा: सूरा अल्-ह़ज्ज
اَفَلَمْ یَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَتَكُوْنَ لَهُمْ قُلُوْبٌ یَّعْقِلُوْنَ بِهَاۤ اَوْ اٰذَانٌ یَّسْمَعُوْنَ بِهَا ۚ— فَاِنَّهَا لَا تَعْمَی الْاَبْصَارُ وَلٰكِنْ تَعْمَی الْقُلُوْبُ الَّتِیْ فِی الصُّدُوْرِ ۟
तो क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि उनके लिए ऐसे दिल हों, जिनसे वे समझें, या ऐसे कान हों, जिनसे वे सुनें। निःसंदेह आँखें अंधी नहीं होतीं, लेकिन वे दिल अंधे होते हैं, जो सीनों में हैं।[30]
30. आयत का भावार्थ यह है कि दिल की सूझ-बूझ चली जाती है, तो आँखें भी अंधी हो जाती हैं और देखते हुए भी सत्य को नहीं देख सकतीं।
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (46) सूरा: सूरा अल्-ह़ज्ज
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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