क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (40) सूरा: सूरा अन्-नम्ल
قَالَ الَّذِیْ عِنْدَهٗ عِلْمٌ مِّنَ الْكِتٰبِ اَنَا اٰتِیْكَ بِهٖ قَبْلَ اَنْ یَّرْتَدَّ اِلَیْكَ طَرْفُكَ ؕ— فَلَمَّا رَاٰهُ مُسْتَقِرًّا عِنْدَهٗ قَالَ هٰذَا مِنْ فَضْلِ رَبِّیْ ۫— لِیَبْلُوَنِیْۤ ءَاَشْكُرُ اَمْ اَكْفُرُ ؕ— وَمَنْ شَكَرَ فَاِنَّمَا یَشْكُرُ لِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ كَفَرَ فَاِنَّ رَبِّیْ غَنِیٌّ كَرِیْمٌ ۟
जिसके पास पुस्तक का ज्ञान था, उसने कहा : मैं उसे आपके पास इससे पहले ले आता हूँ कि आपकी पलक झपके। और जब उसने उसे अपने पास रखा हुआ देखा, तो कहा : यह मेरे पालनहार का अनुग्रह है, ताकि मेरी परीक्षा ले कि मैं शुक्र अदा करता हूँ या नाशुक्री करता हूँ। और जिसने शुक्र किया, तो वह अपने ही लिए शुक्र करता है तथा जिसने नाशुक्री की, तो निश्चय मेरा पालनहार बहुत बेनियाज़, अत्यंत उदार है।
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (40) सूरा: सूरा अन्-नम्ल
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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