क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (82) सूरा: सूरा अल्-क़सस
وَاَصْبَحَ الَّذِیْنَ تَمَنَّوْا مَكَانَهٗ بِالْاَمْسِ یَقُوْلُوْنَ وَیْكَاَنَّ اللّٰهَ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ وَیَقْدِرُ ۚ— لَوْلَاۤ اَنْ مَّنَّ اللّٰهُ عَلَیْنَا لَخَسَفَ بِنَا ؕ— وَیْكَاَنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الْكٰفِرُوْنَ ۟۠
और जिन लोगों ने कल उसके स्थान की कामना की थी, कहने लगे : अफ़सोस! क्या हमने नहीं जाना कि अल्लाह अपने बंदों में से जिसके लिए चाहता है, रोज़ी विस्तृत कर देता है और तंग करता है। यदि यह न होता कि अल्लाह ने हमपर उपकार किया, तो वह अवश्य हमें धँसा देता। अफ़सोस! ऐसा प्रतीत होता है कि सच्चाई यह है कि काफ़िर सफल नहीं होते।
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अर्थों का अनुवाद आयत: (82) सूरा: सूरा अल्-क़सस
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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