क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (186) सूरा: सूरा आले इम्रान
لَتُبْلَوُنَّ فِیْۤ اَمْوَالِكُمْ وَاَنْفُسِكُمْ ۫— وَلَتَسْمَعُنَّ مِنَ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ مِنْ قَبْلِكُمْ وَمِنَ الَّذِیْنَ اَشْرَكُوْۤا اَذًی كَثِیْرًا ؕ— وَاِنْ تَصْبِرُوْا وَتَتَّقُوْا فَاِنَّ ذٰلِكَ مِنْ عَزْمِ الْاُمُوْرِ ۟
(ऐ ईमान वालो!) तुम अपने धनों और प्राणों के बारे में ज़रूर परीक्षा में डाले जाओगे और तुम अवश्य ही उन लोगों से जो तुमसे पहले किताब दिए गए थे तथा उन लोगों से जो शिर्क में पड़े हुए हैं[110], बहुत-सी दुःखद बातें सुनोगे। लेकिन यदि तुम धैर्य से काम लो और (अल्लाह से) डरते रहो, तो यह बड़े साहस का काम है।
110. अर्थात मूर्तियों के पुजारी, जो पूजा अर्चना तथा अल्लाह के विशेष गुणों में अन्य को उसका साझी बनाते हैं।
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (186) सूरा: सूरा आले इम्रान
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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