क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (20) सूरा: सूरा आले इम्रान
فَاِنْ حَآجُّوْكَ فَقُلْ اَسْلَمْتُ وَجْهِیَ لِلّٰهِ وَمَنِ اتَّبَعَنِ ؕ— وَقُلْ لِّلَّذِیْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ وَالْاُمِّیّٖنَ ءَاَسْلَمْتُمْ ؕ— فَاِنْ اَسْلَمُوْا فَقَدِ اهْتَدَوْا ۚ— وَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنَّمَا عَلَیْكَ الْبَلٰغُ ؕ— وَاللّٰهُ بَصِیْرٌ بِالْعِبَادِ ۟۠
फिर यदि वे आपसे झगड़ा करें, तो कह दीजिए कि मैंने अपना चेहरा अल्लाह के अधीन कर दिया और उसने भी जिसने मेरा अनुसरण किया, तथा उन लोगों से जिन्हें किताब दी गई और अनपढ़ लोगों से कह दो कि क्या तुम आज्ञाकारी हो गए? यदि वे आज्ञाकारी हो जाएँ, तो निःसंदेह मार्गदर्शन पा गए और यदि वे मुँह फेर लें, तो आपका दायित्व केवल (संदेश) पहुँचा देना[7] है तथा अल्लाह बंदों को ख़ूब देखने वाला है।
7. अर्थात उनसे वाद-विवाद करना व्यर्थ है।
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (20) सूरा: सूरा आले इम्रान
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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