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अर्थों का अनुवाद आयत: (40) सूरा: सूरा अल्-अह़ज़ाब
مَا كَانَ مُحَمَّدٌ اَبَاۤ اَحَدٍ مِّنْ رِّجَالِكُمْ وَلٰكِنْ رَّسُوْلَ اللّٰهِ وَخَاتَمَ النَّبِیّٖنَ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمًا ۟۠
मुहम्मद तुम्हारे पुरुषों में से किसी के पिता[27] नहीं हैं। बल्कि वह अल्लाह के रसूल और नबियों के समापक[28] हैं। और अल्लाह प्रत्येक वस्तु को भली-भाँति जानने वाला है।
27. अर्थात आप ज़ैद के पिता नहीं हैं। उसके वास्तविक पिता ह़ारिसा हैं। 28. अर्थात अब आप के पश्चात् प्रलय तक कोई नबी नहीं आएगा। आप ही संसार के अंतिम रसूल हैं। ह़दीस में है कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : मेरी मिसाल तथा नबियों का उदाहरण ऐसा है जैसे किसी ने एक सुंदर भवन बनाया। और एक ईंट की जगह छोड़ दी। तो उसे देखकर लोग आश्चर्य करने लगे कि इसमें एक ईंट की जगह के सिवा कोई कमी नहीं थी। तो मैं वह ईंट हूँ। मैंने उस ईंट की जगह भर दी। और भवन पूरा हो गया। और मेरे द्वारा नबियों की कड़ी का अंत कर दिया गया। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 3535, सह़ीह़ मुस्लिम : 2286)
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अर्थों का अनुवाद आयत: (40) सूरा: सूरा अल्-अह़ज़ाब
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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