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क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद - अज़ीज़ुल हक़ उमरी * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद सूरा: अन्-निसा   आयत:
وَاللّٰهُ یُرِیْدُ اَنْ یَّتُوْبَ عَلَیْكُمْ ۫— وَیُرِیْدُ الَّذِیْنَ یَتَّبِعُوْنَ الشَّهَوٰتِ اَنْ تَمِیْلُوْا مَیْلًا عَظِیْمًا ۟
और अल्लाह तो यह चाहता है कि तुम्हारी तौबा क़बूल करे तथा जो लोग इच्छाओं के पीछे पड़े हुए हैं, वे चाहते हैं कि तुम (हिदायत के मार्ग से) बहुत दूर हट[25] जाओ।
25. अर्थात सत्धर्म से कतरा जाओ।
अरबी तफ़सीरें:
یُرِیْدُ اللّٰهُ اَنْ یُّخَفِّفَ عَنْكُمْ ۚ— وَخُلِقَ الْاِنْسَانُ ضَعِیْفًا ۟
अल्लाह चाहता है कि तुम्हारा बोझ हल्का[26] कर दे तथा मानव कमज़ोर पैदा किया गया है।
26. अर्थात अपने धर्म विधान द्वारा।
अरबी तफ़सीरें:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَاْكُلُوْۤا اَمْوَالَكُمْ بَیْنَكُمْ بِالْبَاطِلِ اِلَّاۤ اَنْ تَكُوْنَ تِجَارَةً عَنْ تَرَاضٍ مِّنْكُمْ ۫— وَلَا تَقْتُلُوْۤا اَنْفُسَكُمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِكُمْ رَحِیْمًا ۟
ऐ ईमान वालो! आपस में एक-दूसरे का धन अवैध रूप से न खाओ, सिवाय इसके कि वह तुम्हारी आपसी सहमति से कोई व्यापार हो। तथा अपने आपको क़त्ल[27] न करो। निःसंदेह अल्लाह तुमपर अति दयावान् है।
27. इसका अर्थ यह भी किया गया है कि अवैध कर्मों द्वारा अपना विनाश न करो, तथा यह भी कि आपस में रक्तपात न करो, और ये तीनों ही अर्थ सह़ीह़ हैं। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)
अरबी तफ़सीरें:
وَمَنْ یَّفْعَلْ ذٰلِكَ عُدْوَانًا وَّظُلْمًا فَسَوْفَ نُصْلِیْهِ نَارًا ؕ— وَكَانَ ذٰلِكَ عَلَی اللّٰهِ یَسِیْرًا ۟
और जो ज़ुल्म और ज़्यादती से ऐसा करेगा, तो शीघ्र ही हम उसे आग में झोंक देंगे और यह अल्लाह के लिए सरल है।
अरबी तफ़सीरें:
اِنْ تَجْتَنِبُوْا كَبَآىِٕرَ مَا تُنْهَوْنَ عَنْهُ نُكَفِّرْ عَنْكُمْ سَیِّاٰتِكُمْ وَنُدْخِلْكُمْ مُّدْخَلًا كَرِیْمًا ۟
यदि तुम, उन बड़े पापों से बचते रहे, जिनसे तुम्हें रोका जा रहा है, तो हम तुम्हारे (छोटे) गुनाहों को क्षमा कर देंगे और तुम्हें प्रतिष्ठित स्थान में दाख़िल करेंगे।
अरबी तफ़सीरें:
وَلَا تَتَمَنَّوْا مَا فَضَّلَ اللّٰهُ بِهٖ بَعْضَكُمْ عَلٰی بَعْضٍ ؕ— لِلرِّجَالِ نَصِیْبٌ مِّمَّا اكْتَسَبُوْا ؕ— وَلِلنِّسَآءِ نَصِیْبٌ مِّمَّا اكْتَسَبْنَ ؕ— وَسْـَٔلُوا اللّٰهَ مِنْ فَضْلِهٖ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمًا ۟
तथा अल्लाह ने जिस चीज़ के द्वारा तुममें से कुछ को दूसरों पर प्रतिष्ठा प्रदान की है, उसकी कामना न करो। पुरुषों के लिए उसमें से हिस्सा है, जो उन्होंने कमाया[27] और स्त्रियों के लिए उसमें से हिस्सा है, जो उन्होंने कमाया है। तथा अल्लाह से उसका अनुग्रह माँगते रहो। निःसंदेह, अल्लाह सब कुछ जानने वाला है।
27. क़ुरआन उतरने से पहले संसार का यह साधारण विश्वव्यापी विचार था कि नारी का कोई स्थायी अस्तित्व नहीं है। उसे केवल पुरुषों की सेवा और काम वासना के लिए बनाया गया है। क़ुरआन इस विचार के विरुद्ध यह कहता है कि अल्लाह ने मानव को नर तथा नारी दो लिंगों में विभाजित कर दिया है। और दोनों ही समान रूप से अपना-अपना अस्तित्व, अपने-अपने कर्तव्य तथा कर्म रखते हैं। और जैसे आर्थिक कार्यालय के लिए एक लिंग की आवश्यक्ता है, वैसे ही दूसरे की भी है। मानव के सामाजिक जीवन के लिए यह दोनों एक दूसरे के सहायक हैं।
अरबी तफ़सीरें:
وَلِكُلٍّ جَعَلْنَا مَوَالِیَ مِمَّا تَرَكَ الْوَالِدٰنِ وَالْاَقْرَبُوْنَ ؕ— وَالَّذِیْنَ عَقَدَتْ اَیْمَانُكُمْ فَاٰتُوْهُمْ نَصِیْبَهُمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ كَانَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ شَهِیْدًا ۟۠
और हमने तुममें से हर एक के हक़दार बना दिए हैं, जो माता-पिता और क़रीबी रिश्तेदारों की छोड़ी हुई संपत्ति के वारिस होंगे। तथा जिनसे तुमने समझौता[28] किया हो, तो उन्हें उनका हिस्सा दो। निःसंदेह अल्लाह हमेशा प्रत्येक वस्तु से सूचित है।
28. यह संधि इस्लाम के आरंभिक युग में थी, जिसे (मीरास की आयत से) निरस्त कर दिया गया। (इब्ने कसीर)
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद सूरा: अन्-निसा
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क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद - अज़ीज़ुल हक़ उमरी - अनुवादों की सूची

अज़ीज़ुल हक़ उमरी ने इसका अनुवाद किया।

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