क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (104) सूरा: सूरा अन्-निसा
وَلَا تَهِنُوْا فِی ابْتِغَآءِ الْقَوْمِ ؕ— اِنْ تَكُوْنُوْا تَاْلَمُوْنَ فَاِنَّهُمْ یَاْلَمُوْنَ كَمَا تَاْلَمُوْنَ ۚ— وَتَرْجُوْنَ مِنَ اللّٰهِ مَا لَا یَرْجُوْنَ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَلِیْمًا حَكِیْمًا ۟۠
तथा तुम (दुश्मन) क़ौम का पीछा करने में कमज़ोर न पड़ो, यदि तुम्हें पीड़ा होती है, तो निःसंदेह उन्हें भी पीड़ा होती है जिस तरह तुम्हें पीड़ा होती है और तुम अल्लाह से जिस चीज़ की आशा[69] रखते हो, वे उसकी आशा नहीं रखते। तथा अल्लाह सब कुछ जानने वाला, बहुत हिकमत वाला है।
69. अर्थात प्रतिफल तथा सहायता और समर्थन की।
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (104) सूरा: सूरा अन्-निसा
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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